सार

Tesla  की वेबसाइट के मुताबिक कंपनी कई देशों में अपनी कारें लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। वहीं उसने आधिकारिक रूप से तुर्की में एंट्री की है। भारत में कारों की लॉन्चिंग को लेकर Elon Musk अपनी जिद पर अड़े हुए हैं। मस्क चाहते हैं कि पहले सरकार इम्पोर्ट ड्यटी कम करे।  
 

ऑटो डेस्क। भारत में यस-नो करते हुए टेस्ला ने तुर्की में एंट्री कर ली है। टेस्ला की वेबसाइट के मुताबिक  कंपनी कई देशों में अपनी कारें लॉन्च करने की तैयारी कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तुर्की के पूर्व सलाहकार और ई-गराज के को फाउंडर, एमीर ट्यून्युरेक (emir tunurek), तुर्की (Turkey) में टेस्ला कारों का मैनेजमेंट संभालेंगे। बीते साल 2021 में तुर्की के कार मार्केट में टेस्ला की गाड़ियों को खासा पसंद किया गया है। कंपनी ने यहां तकरीबन  4,000 इलेक्ट्रिक कारें बेची हैं।

टेस्ला इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग पर अड़ी 
भारत में टेस्ला को संयंत्र स्थापित करने के लिए कई राज्यों ने ऑफर दिया है। लेकिन एलन मस्क भारत में फुल बिल्ट यूनिट के तौर पर कार उतारने चाहते हैं, वहीं मस्क की मांग है कि भारत सरकार इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी करें, जिससे उसी कारों की कीमत भारतीयों की क्रय शक्ति के बराबर आ जाए। बता दें कि कर्नाटक, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, पंजाब और तमिलनाडु (Telangana, West Bengal, Maharashtra, Punjab and Tamil Nadu) जैसे राज्य एलन मस्क को अपने यहां टेस्ला की उत्पादन यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं। 
सरकार से  कुछ मुद्दों पर मतभेद

एलन मस्क ने हाल ही में ट्वीट करके कहा था कि उन्हें भारत में अपनी कार लॉन्च के लिए 'कई चुनौतियों' का सामना करना पड़ रहा है। मस्क ने ट्वीट में लिखा था कि अभी भी सरकार के साथ कई चुनौतियों का सामना कर रहा हूं। टेस्ला साल 2022 से भारत में इम्पोर्ट कारों की बिक्री शुरू करना चाहती है, लेकिन उससे पहले वही सरकार से आयात शुल्क में कमी करने की मांग कर रही है । बता दें कि काफी समय से भारत में विनिर्माण और व्यवसाय (starting manufacturing and business) संचालन शुरू करने में रुचि दिखाने के बावजूद, एलन मस्क (Elon Musk)  ने पिछले साल अगस्त में यह कहते हुए चिंता जताई थी कि भारतीय आयात शुल्क दुनिया में किसी भी बड़े देश के मुकाबले सबसे अधिक है, जो ओईएम की योजना को प्रभावित कर रहा है। यहां एक व्यवसाय शुरू करें।

इम्पोर्ट ड्यूटी को कम कराना चाहती है टेस्ला
भारत वर्तमान में आयातित कारों पर 60-100 प्रतिशत के बीच एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाता है। भारत 40,000 डॉलर से अधिक CIF (Cost, Insurance and Freight) मूल्य वाली पूरी तरह से आयातित कारों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाता है, जबकि उन कारों पर 60 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता है जिनकी कीमत कम होती है। केवल टेस्ला मॉडल 3 (Tesla Model 3) स्टैंडर्ड रेंज प्लस (Standard Range Plus ) की कीमत 40,000 डॉलर से कम है। उस स्थिति में, यदि टेस्ला को CBU (completely built unit) के माध्यम से भारत में मॉडल 3 का आयात करना है, तो इसकी लागत लगभग ₹70 लाख होने की उम्मीद है।

केंद्र सरकार  लोकल प्रोडक्शन के लिए बना रहा दवाब
वहीं भारत सरकार (Indian government) चाहती है कि टेस्ला आयात शुल्क में कोई कमी करने से पहले भारत में ही उत्पादन करने के  लिए  अपना संयंत्र स्थापित करे। वहीं ईवी निर्माता को लगता है कि मौजूदा कर (existing tax) दरों पर अपनी कारों को यहां लॉन्च करना कंपनी के लिए एक बेहतर विकल्प नहीं होगा । वहीं कंपनी चीन में अपना संयंत्र स्थापित कर चुकी है, जिससे एशिया और यूरोप के  बाजारों में कारों का पहुंचाया जाता है, ऐसे में नई यूनिट शुरू करना भी फायदे का सौदा नहीं होगा।

टेस्ला इंडिया मोटर्स ने कराया पंजीयन
यूएस-आधारित कंपनी भारत में एक विनिर्माण संयंत्र (manufacturing plant) स्थापित करने और स्थानीय रूप से कारों का उत्पादन करने पर विचार कर रही है, जो कंपनी को कारों की कीमतों को किफायती रखने में मदद करेगी। पिछले साल जनवरी में इस कंपनी ने कर्नाटक (Karnataka ) में खुद को टेस्ला इंडिया मोटर्स के रूप में पंजीकृत (registered) कराया था।
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