सार
सीटों को लेकर नीतीश-चिराग के झगड़े में अब बीजेपी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह की एंट्री हो गई है। शाह की एंट्री के बाद आज रात तक एनडीए में सीटों की शेयरिंग फॉर्मूले पर अंतिम सहमति बन जाने की उम्मीद है।
नई दिल्ली/पटना। पहले फेज के चुनाव का नोटीफिकेशन जारी होने से पहले एनडीए में सीटों के बंटवारे पर कोई अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। बिहार के मसले पर आज दिल्ली में एनडीए (NDA) की मीटिंग हो रही है। बिहार बीजेपी (Bihar BJP) के दिग्गज नेताओं के साथ जेडीयू सांसद ललन सिंह (Lalan Singh) मीटिंग के लिए दिल्ली में हैं। मीटिंग में एलजेपी (LJP) शामिल है या नहीं यह पता नहीं चला है मगर पार्टी के नेता दिल्ली में ही हैं। सीटों को लेकर नीतीश-चिराग के झगड़े में अब बीजेपी (BJP) के पूर्व अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह की एंट्री हो गई है।
शाह की एंट्री के बाद आज रात तक एनडीए में सीटों की शेयरिंग फॉर्मूले पर अंतिम सहमति बन जाने की उम्मीद है। बिहार के मसले पर एनडीए की मीटिंग दोपहर से ही शुरू बताई जा रही है। चिराग (Chirag Paswan) को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadsda) के घर पर बैठक में अमित शाह, बिहार चुनाव के प्रभारी देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) शामिल रहे। पार्टी नेताओं एक साथ मीटिंग के बाद शाह खुद एलेजपी चीफ चिराग पासवान से बात करने वाले हैं। इसके बाद सीटों के बंटवारे की घोषणा की जा सकती है।
किस वजह से चिराग नाराज?
चिराग पासवान इस बार एनडीए में 42 सीटों की मांग कर रहे थे। हालांकि जेडीयू (JDU) चीफ नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने उनकी मांग को तवज्जो नहीं दी। उल्टा चिराग पर अंकुश लगाने के लिए महागठबंधन (Mahagathbandhan) से जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) को तोड़कर लाए। मांझी की एनडीए में एंट्री से चिराग और भड़क गए। इसके बाद वो नीतीश सरकार पर ही सवाल उठाने लगे। नीतीश समेत जेडीयू नेताओं और मांझी ने प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। और फिर चिराग बीजेपी के अलावा उन सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारने की धमकी देने लगे जो जेडीयू और हम (HAM) के हिस्से में है। चिराग ने खुद भी विधानसभा चुनाव लड़ने के संकेत दिए जिसकी जेडीयू नेताओं ने आलोचना की।
क्या है एनडीए में सीटों की शेयरिंग का फॉर्मूला?
विवाद बढ़ने के बाद बीजेपी ने पहल की और चिराग को सीटों का फॉर्मूला सौंपा। बताते चलें कि पहले एनडीए में बीजेपी और जेडीयू के बीच 50:50 के आधार पर बंटवारे की चर्चा ही। इसके तहत 122 सीटें जेडीयू के खाते में और 121 सीटें बीजेपी के खाते में जाने की बात कही गई। जेडीयू अपने हिस्से से मांझी को 5 से 8 सीटें जबकि बीजेपी अपने कोटे से एलजेपी को 25-30 सीटें दे रही है।
मोदी के नेतृत्व में विश्वास जता चुके हैं चिराग
हालांकि ये फॉर्मूला कितना सही है इस बारे में कुछ साफ नहीं। मगर शाह के आने के बाद चर्चा है कि बीजेपी, एलजेपी को 36 विधानसभा सीटों के साथ दो विधानपरिषद की सीटें देने को तैयार है। वैसे चिराग की नाराजगी नीतीश को लेकर है। वो चाहते हैं कि इस बार मुख्यमंत्री का पद बीजेपी को मिले। उन्होंने पहले भी बीजेपी की शर्तों को मानने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात दोहरा चुके हैं।