सार

बिहार में तमाम एग्जिट पोल को गलत साबित करते हुए एनडीए ने एक बार फिर सत्ता हासिल कर ली। एनडीए ने राज्य में 125 सीटें हासिल की। हालांकि, बिहार चुनाव के नतीजों के साथ सियासी नक्शे में बदलाव नहीं आया है। अब भी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की 17 राज्यों में सरकार है।

नई दिल्ली. बिहार में तमाम एग्जिट पोल को गलत साबित करते हुए एनडीए ने एक बार फिर सत्ता हासिल कर ली। एनडीए ने राज्य में 125 सीटें हासिल की। हालांकि, बिहार चुनाव के नतीजों के साथ सियासी नक्शे में बदलाव नहीं आया है। अब भी भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की 17 राज्यों में सरकार है। इन राज्यों में देश की कुल आबादी की करीब 49%  आबादी रहती है। एनडीए खासकर भाजपा के लिए 2020 का साल मिला जुला रहा है। जहां इस साल भाजपा बिहार में सरकार बचाने में सफल रही। वहीं, मध्यप्रदेश में सरकार में वापसी की। हालांकि, भाजपा को दिल्ली विधानसभा चुनाव में एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। 

किन राज्यों में भाजपा की सरकार

राज्यआबादी
उप्र      16.50%
बिहार8.60%
मप्र6.00%
गुजरात  4.90%
कर्नाटक4.5%
असम3%
हरियाणा2%
हिमाचल0.60%
उत्तराखंड1%
सिक्किम      0.05%
मेघालय025%
त्रिपुरा  0.30%
मिजोरम0.09%
मणिपुर0.12%
नगालैंड0.16%
अरुणाचल  0.11%
गोवा0.12%
कुल            48.30%


2017 में 21 राज्यों में थी सरकार
भाजपा द्वारा साल 2014 में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पार्टी का तेजी से विस्तार हुआ। भाजपा के नेतृत्व में एनडीए ने साल 2014 में केंद्र में सरकार बनाई और फिर 2018 तक एक के बाद एक कर एनडीए ने 21 राज्यों में सत्ता हासिल की। भाजपा देश के 71 फीसदी हिस्से में छा गई। यह सब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जादू और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सियासी रणनीति का नतीजा था। 

ऐसे बड़ी भाजपा की सियासत 

सालकितने राज्यों में सरकार
20147
201513
201615
201719
201821
201916
202017

एक साल में गंवा दिए थे 5 राज्य
नवंबर-दिसंबर 2018 से दिसंबर 2019 तक 12 राज्यों मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम, तेलंगाना, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, सिक्किम, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में चुनाव हुए थे। भाजपा ने मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, महाराष्ट्र और झारखंड में सरकार गंवा दी थी। हालांकि, मध्यप्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके खेमे के बागी विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद मार्च 2020 में राज्य में एक बार पार्टी सत्ता में आ गई।