सार
इस बार विधानसभा चुनाव में वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी महागठबंधन के हिस्सा थे। लेकिन, सीट बंटवारे को लेकर बात न बनने पर वो अलग हो गए और बाद में बीजेपी के साथ दोस्ती कर लिए। इस बार बीजेपी ने उन्हें अपने कोटे से 11 सीटे दी थी। बता दें कि मुकेश साहनी सालों से निर्विवाद तौर पर निषाद समाज के नेता बने रहने में सफल रहे हैं। दबाव बनाने के लिए वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं।
पटना (Bihar) । बिहार में आज नीतीश कुमार की सरकार फिर से बन गई है। उनके मंत्रीमंडल में कैबिनेट मंत्री के तौर पर वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश साहनी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। जिन्होंने आज अपना शपथ ग्रहण कर लिया। बता दें कि वो इस बार सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट (Simri Bakhtiyarpur Assembly Seat) से चुनाव लड़े थे। जहां उनका मुकाबला आरजेडी के युसुफ सलाउद्दीन (Yusuf Salauddin से था। लेकिन, हार गए थे। बताते चले कि आठवीं पास मुकेश साहनी राजनीति में आने के पहले बॉलीवुड में फिल्मों के डिजाइन का काम करते थे।
महागठबंधन दे रहा था डिप्टी सीएम का ऑफर
मंत्रीमंडल में शामिल होने से पहले मुकेश साहनी ने महागठबंधन पर निशाना साधा। उन्होंने दावा किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद महागठबंधन की तरफ से उपमुख्यमंत्री के साथ-साथ कई अन्य पदों का लालच दिया गया था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि उनको जमीन पर उतरकर संघर्ष करना चाहिए, विरासत में दौलत मिलती है, राजनीति नहीं। महागठबंधन के नेता जनता का अपमान कर रहे हैं। मुझे और मांझी जी को तमाम ऑफर दिए गए, जो पद मैंने पहले मांगा था, नतीजों के बाद थाली में लेकर घूम रहे थे।
'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' की भी किए थे डिजाइन
खुद को सन ऑफ मल्लाह (नाविक) कहने वाले मुकेश साहनी 8वीं पास हैं। वे बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजायन करते थे। उन्होंने 'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम किया था, जिससे वो काफी लोकप्रिय हुए थे। उनकी खुद की कंपनी हैं, जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों को रखा है, ताकि वह अपने राजनीतिक सपने को पूरा कर सकें।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ली राजनीति में इंट्री
मुंबई में मिली कामयाबी के बाद पिछले चुनाव से बिहार राजनीति में इंट्री ली थी। वो शुरू में नीतीश कुमार को समर्थन करते थे। लेकिन, बता दें कि उस समय एनडीए और जेडीयू के बीत गठबंधन टूट गया था। ऐसे में बीजेपी को लगने लगा था कि मल्लाह वोटर्स में अच्छी पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के खिलाफ वो अच्छा विकल्प बन सकते हैं। जिसके चलते बीजेपी ने मुकेश साहनी को अपने खेमें में मिला लिया था। हालांकि चुनाव में वो बीजेपी की मंशा पर खरे नहीं उतरे थे।
इस बार बीजेपी ने दिया था अपने कोटे की 11 सीटें
इस बार विधानसभा चुनाव में वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी महागठबंधन के हिस्सा थे। लेकिन, सीट बंटवारे को लेकर बात न बनने पर वो अलग हो गए और बाद में बीजेपी के साथ दोस्ती कर लिए। इस बार बीजेपी ने उन्हें अपने कोटे से 11 सीटे दी थी। बता दें कि मुकेश साहनी सालों से निर्विवाद तौर पर निषाद समाज के नेता बने रहने में सफल रहे हैं। दबाव बनाने के लिए वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं।
राजनीतिक सफरनामा
- विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक हैं।
- पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर थे।
- 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार किया था। इसके बाद खुद की पार्टी बना ली थी।
- विकासशील इंसान पार्टी की 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थी।
- 2019 में वीआईपी से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।