सार

कोरोना से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है। जिस कारण कोई सावर्जनिक वाहन की आवाजाही नहीं हो रही है। इस बीच घर से दूर काम करने वाले लोगों की स्थिति काफी खराब है। बीते दिनों दिल्ली से एंबुलेंस बूक कर 12 युवक मधुबनी पहुंचे लेकिन उनके गांव आते ही ग्रामीणों में भय का माहौल घर कर गया है। 
 

मधुबनी। कोरोना वायरस की वजह से दूसरे राज्यो से आए हुए व्यक्तियों का प्राथमिक जांच व समुचित व्यवस्था नहीं होने से पूरे क्षेत्र में भय का माहौल है। मालूम हो की बीते दिनों मधुबनी के भोजपंडौल के सिसई गांव में दिल्ली से एंबुलेंस रिजर्व कर 12 व्यक्ति अपने घर पंहुचे। जिसमे दो व्यक्ति की बुखार से ग्रसित होने की जानकारी मिली। जिससे ग्रामीणों में भय का माहौल हैं। ग्रामीणों ने उन लोगो को गांव से बाहर विद्यालय में रहने की सलाह दी। लेकिन विद्यालय में कोई व्यवस्था नहीं देख किसी तरह लोग अपने गांव में समय बिताया। 

एक व्यक्ति की जुकाम से पीड़ित, आंखे लाल
इस बात की सूचना स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि एवं ग्रामीणों के द्वारा बीडीओ बिस्फी व पीएचसी प्रभारी को दी गई। लेकिन प्रसाशनिक अधिकारियो के द्वारा कोई सुधी नहीं ली गई। इसके बाद बुधवार सुबह जब स्वास्थ्य प्रबंधक व बीडीओ बिस्फी को जानकारी दी गई तो स्वास्थ्य प्रबंधक राजाउर रहमान ने एएनएम व स्थानीय आशा कर्मी को सूचित कर उसे जांच करने को भेजा। एएनएम प्रीति कुमारी ने बताई की रात जितने व्यक्ति आए उनमें से एक व्यक्ति सर्दी जुकाम व बुखार से पीड़ित है तथा उनकी आंखे लाल है। 

सेल्फ आइसोलेशन की दी गई सलाह
एएनएम प्रीति ने बताई कि इस बात की सूचना पीएचसी प्रभारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक को दे दी गई है। जांच होने के बाद ही इस संबध में कुछ कहा जा सकता है। पीड़ित व्यक्ति से पूछने पर बताया कि दिल्ली में ही वे तीन चार दिनों से बुखार से पीड़ित थे। वहां भी कोई व्यवस्था नहीं रहने के कारण सभी कोई काफी खर्च के बाद दिल्ली से घर पंहुचे। लेकिन स्थानीय स्तर पर जांच की व्यवस्था न होने एवं गाड़ी या एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं होने से जांच नहीं हो सका। एएनएम के द्वारा उन्हें सेल्फ आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई।