सार
कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण वैश्विक स्तर पर लाखों लोगों की नौकरी चली गई। असगंठित क्षेत्र के कामगारों के अलावा विभिन्न कंपनियों में सीनियर पोजिशन पर काम करने वाले अधिकारियों की भी नौकरी गई है।
पटना। महामारी कोविड-19 से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। लगभग सभी कंपनियां घाटे में है। जिसकी भरपाई के लिए कास्ट कटिंग की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। ऐसे में लोगों छटनी भी हो रही है। जिससे बेरोजगारी और लोगों में अवसाद बढ़ रहा है। लॉकडाउन की मार केवल असंगठित क्षेत्र पर ही नहीं पड़ा है। विभिन्न कंपनियों में सीनियर पोजिशन पर काम कर रहे लोगों पर भी इसकी गाज गिरी है।
पटना की एक कंपनी में बीते दिनों प्रोजेक्ट मैनेजर की नौकरी शुरू वाले युवक की भी नौकरी इस कोरोना ने लील ली। जिसके बाद परेशान युवक ने फांसी लगा खुदकुशी कर ली।
जानकी कुटीर अपार्टमेंट में रहता था युवक
मामला पटना के रुपसपुर थाना इलाके का है। जगदेव पथ के जानकी कुटीर अपार्टमेंट के रहने वाले 36 साल के धनंजय कुमार ने फांसी लगा ली। युवक ने सोमवार को फांसी लगाई थी। आनन फानन में परिजनों ने उसे पीएमसीएच में एडमिट कराया था, जहां इलाज के दौरान मंगलवार को उसकी मौत हो गई। धनंजय की पत्नी खुशी दत्त ने बताया कि लॉकडाउन के कारण उनके पति की नौकरी चली गई थी। इस कारण वे कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। पत्नी ने बताया कि सोमवार को उन्होंने बाथरुम में फांसी लगा ली।
पोस्टमार्टम के बाद परिजन को सौंपा शव
टीओपी प्रभारी अमित कुमार ने कहा कि पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। धनंजय दिल्ली में एक टेलीकॉम कंपनी में प्रोजेक्ट मैनेजर थे। वहां से नौकरी छोड़कर वे पटना आ गए थे। यहां उन्होंने एक कंपनी को ज्वाइन किया और यहां भी प्रोजेक्ट मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण यहां से उनकी नौकरी छिन गई थी। बता दें कि कोरोना से उपजे विपरित हालात में आम लोगों के साथ-साथ बड़ी-बड़ी कंपनियों की सेहत में भी गिरावट आया है।