सार

कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण पारिवारिक विवाद भी खूब बढ़ा है। बिहार के बेतिया में लॉकडाउन के कारण एक महीने से ससुराल में फंसा युवक जिंदा जल गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

पश्चिमी चंपारण। कहा जाता है कि ससुराल में दामाद की खातिरदारी बड़े अच्छे से होती है, लेकिन पश्चिमी चंपारण से इसके ठीक उल्ट मामला सामने आया है। जिले के शिकारपुर थाना क्षेत्र के मठिया गांव में एक युवक जिंदा जल गया। युवक लॉकडाउन से पहले अपने ससुराल आया था। लेकिन लॉकडाउन लग जाने के कारण एक महीने से ससुराल में फंस गया था। आरोपों के अनुसार युवक अपनी पत्नी और ससुराल वालों के सामने ही जिंदा जल गया, लेकिन किसी ने बचाने की कोशिश नहीं की।

मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवक को एंबुलेंस से गवर्नमेंट मडेकिल कॉलेज भेजा, लेकिन बीच रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ससुरालवालों में भय के साथ-साथ मातम भी है। 

घर जाने को लेकर पति-पत्नी में विवाद
मृतक की पहचान बगहा के तिवारी टोला निवासी अशोक चौधरी के इकलौते पुत्र मनीष चौधरी के रूप में हुई है। वह एक माह से अपने ससुराल में ही रह रहा था। घटना के संबंध में ससुराल वालों ने दलील दी कि मनीष का पत्नी के साथ विवाद हुआ था। जिसके बाद उसने खुद को आग लगा ली। विवाद का कारण बताते हुए ससुरालवालों ने कहा कि वह अपनी पत्नी को अपने घर तिवारी टोला ले जाना चाहता था। लेकिन पत्नी इंकार कर रही थी। इसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हुई। जिसके बाद मनीष ने खुद को आग लगा ली। 

ससुराल वालों की भूमिका पर संदेह
गांववालों ने बताया कि मनीष काफी दिनों से ससुराल में ही था। रविवार को पत्नी को साथ ले जाने की बात पर दोनों में विवाद हुआ। दोनों में मारपीट भी हुई। इस बीच आस-पड़ोस के लोगों ने चीखने-चिल्लाने की आवाज भी सुनी। लेकिन तब तक आस-पड़ोस के लोग घर में पहुंचते युवक आग से बुरी तरह से झुलस चुका था। मामले में शिकारपुर थानाध्यक्ष केके गुप्ता ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार खुदकुशी है। हालांकि ससुरालवालों की भूमिका पर संदेह है। मामले की छानबीन की जा रही है।    

(प्रतीकात्मक फोटो)