सार
बतादें कि कोई भी पुलिसकर्मी अपने डियूटी आवर में राज्य से बाहर जाता है तो इसके लिए उसे आईजी की अनुमति लेनी आवश्यक होती है। लेकिन दोनों ने ऐसा नहीं किया और साथ ही दोनों ने झूठ भी बोला कि वे कोटा नहीं गये थे। अब इस मामले में दोनों को विभागीय निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
पटना. हिसुआ विधायक अनिल सिंह का विवाद अब थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मामले में गाज अब विधायक के दो बॉडीगार्ड पर गिरी है। नवादा के एसपी हरि प्रसाथ एस ने विधायक के दो बॉडीगार्ड राजेश कुमार और शशि कुमार को निलंबित कर दिया है। दोनों सुरक्षाकर्मियों पर आरोप है कि वरिय पदाधिकारियों के अनुमति के बिना वे राज्य से बाहर गये।
राज्य से बाहर जाने पर आईजी से लेनी होती है अनुमति
बतादें कि कोई भी पुलिसकर्मी अपने डियूटी आवर में राज्य से बाहर जाता है तो इसके लिए उसे आईजी की अनुमति लेनी आवश्यक होती है। लेकिन दोनों ने ऐसा नहीं किया और साथ ही दोनों ने झूठ भी बोला कि वे कोटा नहीं गये थे। अब इस मामले में दोनों को विभागीय निर्देशों का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इससे पहले विधायक मामले में नवादा के सदर एसडीओ अनु कुमार को सामान्य प्रशासन विभाग ने 21 अप्रैल को निलंबित कर दिया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने विधायक की गाड़ी को राज्य से बाहर जाने की अनुमति दी थी। इतना ही नहीं जिस गाड़ी से विधायक कोटा गए थे उस गाड़ी के सरकारी ड्राइवर को भी विधानसभा सचिवालय ने निलंबित कर दिया गया था।
दरअसल, भाजपा विधायक लॉकडाउन के दौरान अपनी बेटी को कोटा से लेकर पटना आए थे। हालांकि विधायक इस मामले में पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे अनुमति लेकर अपनी बीमार बेटी को लाने कोटा गये थे।
एजुकेशन हब है कोटा, लाखों स्टूडेंट्स हैं फंसे
उल्लेखनीय हो कि कोटा की पहचान एजुकेशन हब के रूप में है। यहां डॉक्टरी के साथ-साथ इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले लाखों छात्र-छात्राएं अलग-अलग राज्य से रह कर पढाई करते हैं। कोरोना के बचाव के लिए जब लॉकडाउन की घोषणा की गई तो यहां के एजुकेशन कोचिंग और संस्थान बंद पड़ गए। हॉस्टलों पर भी सख्ती हुई। ऐसे में देश के अलग-अलग राज्यों के लाखों छात्र वहां फंसे थे। यूपी के फंसे छात्रों के लिए योगी सरकार ने बसें भेजी थी। जिसकी नीतीश कुमार ने यह कहते हुए आलोचना की थी कि यह लॉकडाउन का मजाक है।