सार
बेगूसराय कोरोना के लिहाज से बिहार के सबसे संवेदनशील जिलों में शामिल है। सीवान के बाद सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज यहीं से मिले है। लॉकडाउन के साथ-साथ जिले की सीमा सील की जा चुकी है। लेकिन इसके बाद भी यहां एक सरकारी टीचर द्वारा कोचिंग चलाने का मामला सामने आया है।
मुबारकपुर हसनपुर का मामला, पुलिस से उलझा
जब एएसआई द्वारा छापामारी की गई तो मुबारकपुर हसनपुर निवासी शिक्षक इफ्तेखार आलम उर्फ बबलू को फुलकारी के एक आंगनवाड़ी केंद्र में करीब 30-40 बच्चों को पढ़ाते हुए पाया गया। जब शिक्षक को थाना चलने को कहा गया तो उसने थाना चलने से इंकार कर दिया तथा हंगामा करने लगा व पुलिस बल के साथ उलझ गया। यह देख कुछ ग्रामीण आने लगे।
एफआईआर में कहा गया है कि आरोपी ने पुलिस गाड़ी में बैठाने के क्रम में एएसआई के वर्दी के बांये पॉकेट को फाड़ दिया। ग्रामीणों के अनुसार, आरोपी एक सरकारी विद्यालय का शिक्षक है। थानाध्यक्ष सुचित कुमार ने बताया कि आरोपी के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई हेतु बेगूसराय कोर्ट भेजा जा रहा है।
लॉकडाउन का सीधा-सीधा उल्लंघन
बता दें कि बिहार में कोरोना मरीज मिलने के मामले में बेगूसराय दूसरे नंबर पर है। यहां पर अबतक कोरोना के 8 मरीज मिल चुके हैं। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मरीज के कारण प्रशासन यहां हाई अलर्ट पर है। लेकिन इसके बाद भी सरकारी टीचर होते हुए कोचिंग चलाना लॉकडाउन का सीधा-सीधा उल्लंघन है। उसके साथ ही पुलिस से भिड़ना, महामारी एक्ट के तरह कानूनन अपराध है। कानूनी जानकारों के अनुसार इस मामले में टीचर की नौकरी भी जा सकती है।