सार
मांझी 15 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार उन्हें 10-12 सीट देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को छोड़ कर श्याम रजक आरजेडी में चले गए हैं। ऐसी स्थिति में श्याम रजक के स्थान पर जीतन राम मांझी को दलित चेहरा के रूप में पार्टी पेश कर सकती है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि मांझी आगे क्या करते हैं।
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी हुई हैं। जोड़तोड़ का सियासी दौर भी चल रहा है। खासकर सीटों के तालमेल पर सभी पार्टियां एक दूसरे से संपर्क साधने में लगी हैं। इसी बीच खबर है कि आरजेडी से कांग्रेस की सीट शेयरिंग को लेकर डील लगभग पक्की हो गई है। कांग्रेस के प्रभारी सचिव अजय कुमार पटना पहुंचे गए हैं। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सीएम जीतन राम मांझी का एनडीए में शामिल होना तय हो गया है। लेकिन, मांझी ने कहा है कि 30 अगस्त को अपनी अगली रणनीति मीडिया के बताएंगे। बता दें कि जीतन राम मांझी महागठबंधन से हाल ही में अलग हुए हैं। उसके बाद से कयास लगाए जा रहे हैं कि वे नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होंगे। मालूम हो कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक वर्चुअल बैठक में भी जीतन राम मांझी शामिल हुए थे। संभावना जताई जा रही है कि सीट शेयरिंग को लेकर मामला अटका है।
जीतन राम मांझी मांग रहे ये सीट
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जीतन राम मांझी मगध क्षेत्र की सीटों पर दावेदारी पेश कर रहे हैं। इन सीटों में बीजेपी की प्रभाव वाली सीटें भी शामिल हैं। इसी मामले को लेकर अंतिम दौर की बातचीत चल रही है। वहीं, हम नेता दानिश रिजवान ने भी कहा है कि 30 अगस्त से पहले मांझी के एनडीए में शामिल होने की आधिकारिक घोषणा हो जाएगी।
..तो मांझी मांग रहे 15 सीट
मांझी 15 सीटों की मांग कर रहे हैं, जबकि नीतीश कुमार उन्हें 10-12 सीट देने को तैयार हैं। माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को छोड़ कर श्याम रजक आरजेडी में चले गए हैं। ऐसी स्थिति में श्याम रजक के स्थान पर जीतन राम मांझी को दलित चेहरा के रूप में पार्टी पेश कर सकती है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि मांझी आगे क्या करते हैं।
कांग्रेस वाले महागठबंधन की तरफ देख रही जनता
कांग्रेस के प्रभारी सचिव अजय कुमार ने दावा किया कि बिहार की जनता इस बार परिवर्तन के मूड में दिख रही है। खासकर बेरोजगारी समेत तमाम मुद्दों पर नीतीश सरकार की विफलता जगजाहिर हो चुकी है। ऐसे में बिहार की जनता उम्मीद भरी नजरों से राजद कांग्रेस वाले महागठबंधन की तरफ देख रही है।
जीतन राम मांझी को लेकर कही ये बातें
जीतन राम मांझी के महागठबंधन छोड़कर जाने और इसका दलित वोट बैंक पर असर पड़ने की बात से अजय ने साफ तौर पर इनकार कर दिया है। अजय 28 अगस्त को कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय सदाकत आश्रम में उत्तर बिहार के जिलाध्यक्षों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करने वाले हैं, जिसमें बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर भावी रणनीति पर विचार-विमर्श होगा। बिहार कांग्रेस ने इस बार विधानसभावार वर्चुअल मीटिंग करने का फैसला किया है और ऐसे में पार्टी की कोशिश है 100 से अधिक सीटों पर वर्चुअल मीटिंग की जाए।