सार
बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि 'हम लोग तो छोटे से छोटे अदालत का आदेश मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने की हमारी औकात नहीं है। एक सीजेएम के आदेश को भी मानते हैं। न्यायालय की एक गरीमा है। अगर वो गरीमा समाप्त हो जाएगी तो लोकतंत्र बचेगा नहीं। सर्वोच्च न्यायालय में पूरे देश की आस्था है और आप उसकी बात को नहीं मानते हैं।'
पटना (Bihar) । बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने मुंबई पुलिस पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नहीं मानने का आरोप लगाया है। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले की जांच करने मुंबई गए पटना एसपी सिटी विनय तिवारी के वहां क्वारंटाइन किए जाने के मुद्दे पर मीडिया से खुलकर बात किया। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने हमारे अफसर को तीन दिन से कैदी बना रखा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे (मुंबई पुलिस) सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को भी ठेंगा दिखा रहे हैं। डीजीपी ने यह भी बताया कि अब हमने लिखित रूप में चिट्ठी लिखवाया है कि ये बता दो, अब छोड़ोगे कि नहीं, या तो लिख कर दे दो कि हम सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को कुछ नहीं समझते, या आप लिखकर दे दो कि गिरफ्तार कर लिया है। ये क्या मजाक है पूरा देश देख रहा है।'
देश चाहता है सुशांत मामले का सच आए सामने
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सवाल करते हुए कहा कि आखिर क्यों मुंबई पुलिस असयोग कर रही है, जबकि आज पूरा देश चाहता है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में सच सामने आए। मुंबई पुलिस ने हमारे अफसर को तीन से कैदी बनाकर रखा है। डीजीपी ने कहा कि आज हमने फिर पत्र लिख कर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई का हवाला दिया है। हमने पत्र में लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने ये आदेश दिया है। लेकिन वे लोग सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को ठेंगा दिखा रहे हैं।'
डीजीपी ने किया इस तरह के शब्दों का प्रयोग
बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि 'हम लोग तो छोटे से छोटे अदालत का आदेश मानते हैं। सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानने की हमारी औकात नहीं है। एक सीजेएम के आदेश को भी मानते हैं। न्यायालय की एक गरीमा है। अगर वो गरीमा समाप्त हो जाएगी तो लोकतंत्र बचेगा नहीं। सर्वोच्च न्यायालय में पूरे देश की आस्था है और आप उसकी बात को नहीं मानते हैं।'
ये मजाक पूरा देश देख रहा
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि 'सर्वोच्च न्यायालय के ऑब्जर्वेशन के बाद हमारे आईजी ने फोन किया कि अब तो छोड़ दो। लेकिन, इसके बाद उन्होंने नहीं छोड़ा है। अब हमने लिखित रूप में चिट्ठी लिखवाया है कि ये बता दो, अब छोड़ोगे कि नहीं, या तो लिख कर दे दो कि हम सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को कुछ नहीं समझते, या आप लिखकर दे दो कि गिरफ्तार कर लिया है। ये क्या मजाक है पूरा देश देख रहा है।'