सार

लॉकडाउन के कारण कोटा सहित देश के अन्य शहरों में फंसे बिहारी छात्र-छात्राओं को वापस बुलवाने का दबाव झेल रही बिहार सरकार ने अब बिहार से बाहर रह रहे सभी स्टूडेंट्स के खाते में एक-एक हजार रुपए भेजने का फैसला लिया है। इसकी शुरुआत की जा चुकी है। 

पटना। मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित अन्य पढ़ाई के लिए बिहार के लाखों छात्र-छात्राएं प्रतिवर्ष देश के दूसरे राज्यों का रूख करते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में इस समय बिहार के लाखों बच्चे दूसरे राज्यों में फंसे हैं। देश का एजुकेशनल हब कहा जाने वाले राजस्थान के कोटा शहर में बिहार के हजारों बच्चे फंसे हैं। 
कोटा से कुछ राज्य के बच्चों को संबंधित सरकारें बसें भेज कर बुलवा चुकी हैं। लेकिन बिहार सरकार ने अबतक ऐसा नहीं किया है। बिहारी छात्रों को वापस बुलवाने की मांग राज्य में की जा रही है। इस दबाव के बीच बिहार सरकार ने एक बड़ा ऐलान करते हुए घोषणा की कि दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी छात्र-छात्राओं के खाते में सरकार एक-एक हजार रुपए भेजेगी। 

पीएम के साथ हुई बैठक में सीएम ने उठाया मुद्दा
राज्य सरकार के सूचना एवं जनसंर्पक विभाग के सचिव अनुपम कुमार ने सरकार के इस फैसले की पुष्टि की है। अनुपम कुमार ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियो क्रांफ्रेसिंग मीटिंग में सीएम ने इस मुद्दे को उठाया। उन्होंने कोरोना से बचाव के लिए राज्य में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी भी पीएम को दी। अनुपम कुमार ने बताया कि बिहार से बाहर रह रहे छात्र-छात्राओं की समस्या को दूर करने के लिए सरकार काम कर रही है। दूसरे राज्यों में रह रहे छात्र-छात्राओं को मुख्यमंत्री विशेष सहायता के रूप में एक-एक हजार रुपए दिए जाएंगे। 

अब तक 16 लाख खातों में भेजी राशि: अनुपम
अनुपम कुमार ने बताया कि इससे पहले दूसरे राज्यों में रह रहे बिहारी लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपए पहले ही भेजे जा चुके हैं। उन्होंने बताया की मुख्यमंत्री राहत कोष अभी तक लगभग 16 लाख लोगों के खाते में एक-एक हजार रुपए भेजे जा चुके हैं। बताते चले कि बिहार सरकार से इतर कोटा में फंसे अपने यहां के छात्र-छात्राओं को उत्तर प्रदेश सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार स्पेशल बसें भेज कर बुलवा चुकी है। दूसरी ओर बिहार में बाहर से छात्र-छात्राएं को बुलवाने की मांग की जा रही है। हालांकि सीएम नीतीश कुमार का मानना है कि इसकी व्यवस्था केंद्र सरकार करें।