सार

सरकार बाहर से आ रहे प्रवासियों को क्वारेंटाइन सेंटर पर रख रही है। दावा है कि क्वारेंटाइन सेंटर पर सभी तरह की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है। बांका के एक क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे प्रवासी ने अव्यवस्था पर सवाल उठाया तो उसकी इस कदर पिटाई की गई एक हाथ टूट गया। 

बांका। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे कामगारों को बिहार लाने का सिलसिला जारी है। बिहार लाने के बाद स्टेशन पर ही इन प्रवासियों की स्क्रिनिंग की जा रही है। जिसके बाद प्रखंडों में स्थित क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। जहां भोजन-पानी, बिजली सहित अन्य सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का निर्देश है। लेकिन हकीकत यह है कि बिहार के कई क्वारेंटाइन सेंटरों पर निर्धारित मानक के अनुरुप सुविधाएं नहीं है। अब तो सरकार ने क्वारेंटाइन सेंटर में मीडिया के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। जिससे वहां की लापरवाहियों की कहानी सामने नहीं आ सके।

बांका के शंभूगंज प्रखंड का मामला
लेकिन सोशल मीडिया और मोबाइल क्रांति के इस युग में कोई भी घटना बड़ी तेजी से फैलती है। ताजा मामला बिहार के बांका जिले से सामने आया है। जहां क्वारेंटाइन सेंटर की अव्यवस्था पर सवाल उठाने पर प्रवासी मजदूर की जमकर पिटाई की गई। जिससे उसका हाथ टूट गया। मिली जानकारी के अनुसार बांका के शंभूगंज प्रखंड मुख्यालय में उच्च विद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे एक प्रवासी को सेंटर की कुव्यवस्था पर आवाज उठाना महंगा पड़ा। उसकी इस कदर पिटाई की गई उसका एक हाथ टूट गया। 

प्रवासी के परिजनों ने की जांच की मांग
इस घटना के बाद क्वारेंटाइन सेंटर पर रह रहे लोगों ने जमकर हंगामा किया। पीड़ित के परिजन जिला प्रशासन से लेकर पटना तक के अधिकारियों से शिकायत कर मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर शंभूगंज के पदाधिकारी का कहना है कि यह मजदूर क्वारेंटाइन सेंटर से भाग गया था, उसे फिर से पकड़कर लाने पर सभी पदाधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों को गाली-गलौज कर रहा था। उन्होंने हाथ तोड़े जाने की घटना से इंकार किया। लेकिन उक्त प्रवासी के टूटे हाथ की तस्वीर के साथ यह मामला काफी तेजी वायरल हो रहा है। 

क्वारेंटाइन सेंटर से भाग गया थाः सीओ
जानकारी के मुताबकि प्रखंड के विभिन्न गांवों से मजदूरी करने दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान जैसे जगहों पर गए प्रवासी मजदूरों को वापस लौटने के साथ ही क्वारेंटाइन किया जा रहा है। जहां शंभूगंज प्रखंड के ही एक प्रवासी मजदूरों को क्वारेंटाइन किया गया था। उन्होंने अनियमितता की आवाज उठाना शुरू कया। क्वारेंटाइन में रह रहे पीड़ित मजदूर का आरोप है कि उसके साथ बेरहमी से मारपीट कर हाथ तोड़ दिया गया है। इधर, शंभूगंज क्वारेंटाइन सेन्टर के नोडल पदाधिकारी सह सीओ परमजीत सिरमौर ने बताया कि उक्त युवक क्वारेंटाइन सेंटर से भाग गया था। जिसे झखड़ा गांव के पास से पकड़कर लाया गया है। हाथ कैसे टूटा या चोटिल हुआ उन्हें मालूम नहीं।