सार

मातृभूमि का प्यार क्या होता है, इसे यह तस्वीर बखूबी बयां कर रही है। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के कामगार स्पेशल ट्रेन से आ रहे हैं। अपने शहर में पहुंचते ही लोगों के मुरझाए चेहरे खिल जा रहे हैं। मुजफ्फरपुर पहुंचे प्रवासियों ने धरती को चूम कर इस तरह प्रणाम किया।   

मुजफ्फरपुर। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रतिदिन स्पेशल ट्रेन बिहार के अलग-अलग जिलों में पहुंच रही है। ट्रेन से उतरते ही प्रवासियों की स्क्रिनिंग की  जा रही है। जिसके बाद संबंधित जिला प्रशासन द्वारा उन्हें प्रखंडवार बनाए गए  क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा जा रहा है। गुरुवार को मुजफ्फरपुर सहित अन्य पड़ोसी जिलों के 1250 कामगारों को लेकर नागपुर से एक स्पेशल ट्रेन पहुंची। ट्रेन के पहुंचने के बाद लोगों की स्क्रिनिंग के बाद जिला प्रशासन द्वारा मुहैया कराए गए बसों से अपने-अपने जिले व प्रखंड में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में भेजा गया। 

यहां आकर ऐसा लग रहा जैसे सब कुछ मिल गयाः प्रवासी
इस दौरान क्वारेंटाइन सेंटर भेजे जाने से पहले प्रवासी कामगारों ने जंक्शन पर ही धरती पर लेट पर अपनी मातृभूमि को साष्टांग प्रणाम किया। साथ ही अपनी माटी की तिलक भी लगाया। ये नजारा देख वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी के साथ-साथ मेडिकल टीम और अन्य लोगों की आंखें भर आई। नागपुर से लौटे कामगारों ने कहा कि अपने गांव-जवार में आने के बाद ऐसा लग रहा है जैसे सब कुछ मिल गया हो। जब से लॉकडाउन लगा तब से बस यहीं चाह रहे थे कि कैसे भी अपने घर लौट जाए। अब जाकर यह संभव हुआ है।  

गुरुवार को 28467 प्रवासी पहुंचे बिहार
सुरक्षित घर वापसी के बाद कामगारों ने भगवान, सरकार, मीडिया को शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि आज का दिन जीवन में कभी नहीं भूल पाएंगे। ऐसा लग रहा है कि हम लोग कैद से आजाद हो गए हो। बता दें कि लॉकडाउन-3 में मिली ढील के बाद प्रवासी मजदूरों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। गुरुवार को बिहार के 28467 प्रवासी 24 ट्रेनों से राज्य के अलग-अलग जिलों में पहुंचे। ये जानकारी आईपीआरडी के सचिव अनुपम कुमार ने दी। आज भी करीब 20 हजार प्रवासियों को 7 राज्यों से 20 ट्रेनें बिहार पहुंचेंगी।