सार
बिहार में राज्य सरकार के तमाम कड़ी पाबंदी लगाने के बाद भी संक्रमण रोके नहीं रुक रहा है। 24 घंटे के दौरान प्रदेश में संकमित मरीजों का आंकड़ा 5 हजार पार हो चुका है। पहली बार एक साथ एक दिन में तीसरी लहर में 7 संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं अब तो सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
पटना (बिहार). कोरोना के नए वैरियंट से आई महामारी की तीसरी लहर कहर बरपा रही है। जिस रफ्तार से संक्रमण पैर पसार रहा है, वैज्ञानिक और डॉक्टर कहने लगे हैं कि इसको आप इसे हल्के में मत लीजिए। लेकिन लोग भी लापरवाही बरत रहे हैं। इसी बीच बिहार में भी थर्ड वेव बेकाबू होती जा रही है। पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना से पहली बार इतनी मौतें हुईं है कि राज्य सरकार से लेकर आम आदमी तक डर गया है। क्योंकि पहली बार एक साथ एक दिन में तीसरी लहर में 7 संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं अब तो सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक कोरोना संक्रमित हो चुके हैं।
24 घंटे के दौरान सामने आए रिकॉर्ड मामले
दरअसल, बिहार में राज्य सरकार के तमाम कड़ी पाबंदी लगाने के बाद भी संक्रमण रोके नहीं रुक रहा है। 24 घंटे के दौरान प्रदेश में संकमित मरीजों का आंकड़ा 5 हजार पार हो चुका है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक 5908 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 7 संक्रमितों की मौत हुई है। वहीं राज्य के सीनियर डॉक्टर मुकुल का कहना है कि कोरोना से हालात खराब हो चले हैं। अस्पतालों में भर्ती मरीजों की मॉनिटरिंग बढ़ा दी है और मौत के आंकड़ों को रोकने के लिए प्रयास किया जा रहा है।
पहले सीएम निगेटिव फिर आए पॉजिटिव
अब तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कोरोना वायरस की तीसरी लहर की चपेट में आ गए हैं। सीएम नीतीश की मंगलवार को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव सामने आई है। बता दें कि जब सीएम की सुबह एंटीजन टेस्ट किए तो वह निगेटिव थे। लेकिन उसी समय आरटीपीसीआर जांच कराई गई तो रिपोर्ट आने के बाद पता चला है कि वो कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
सरकार की ये कोरोना गाइडलाइऩ
- सभी सरकारी कार्यालय और गैर सरकारी कार्यालय 50 फीसदी उपस्थिति के साथ खुलेंगे। सरकारी कार्यालयों में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित होगा।
- आवश्यक सेवाओं जैसे- जिला प्रशासन, पुलिस, होमगार्ड, कारा, सिविल डिफेंस, विद्युत आपूर्ति, जलापूर्ति, स्वच्छता, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन, दूर संचार, डाक विभाग से संबंधित कार्यालय, खाद्यान्न की अधिप्राप्ति से संबंधित कार्यालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और निर्वाचन विभाग के कर्यालय पहले की तरह काम करेंगे। न्यायिक प्रशासन के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा लिया गया फैसला प्रभावी होगा।
- सभी स्कूल, हाईस्कूल, शिक्षण/प्रशिक्षण/कोचिंग संस्थान (उनके छात्रावास सहित) तत्काल प्रभाव से बंद रहेंगे। उनके कार्यालय 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ खोले जा सकेंगे। ऑनलाइन शिक्षण कार्य संचालित किए जा सकेंगे। केंद्र और राज्य के आयोग द्वारा आयोजित नियोजन संबंधी परीक्षाएं तथा विभिन्न बोर्डों द्वारा आयोजित परीक्षाएं संचालित की जा सकेंगी।
- पुलिस एवं होम गार्ड के प्रशिक्षण और चिकित्सा से संबंधित शिक्षण/प्रशिक्षण संस्थान (छात्रावास सहित) खुले रहेंगे। अन्य सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों के बंद या संचालित किए जाने के संबंध में संबंधित विभागाध्यक्ष द्वारा फैसला लिया जाएगा।