सार
बिहार में बाहर से आए लोगों को सरकार ने कोरोना से बचाव के लिए विभिन्न सरकारी स्कूलों में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा है। निर्देशानुसार यहां लोगों को सभी सुविधा दी जानी है। लेकिन कई जगहों से कमियों की जानकारी सामने आ रही है। इस बीच वहां रहने वाले लोगों का व्यवहार भी प्रशासन के लिए चिंता बढ़ा रही है।
सीवान। क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों का हंगामा करने का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है। मुंगेर के जीएनएम स्कूल क्वारेंटाइन सेंटर में हंगामा के बाद सीवान के रघुनाथपुर थानाक्षेत्र के राजपुर मध्य विद्यालय क्वारेंटाइन सेंटर पर लोगों ने जमकर बवाल मचाया। लोगों को समझाने पहुंचे सरकारीकर्मियों और रघुनाथपुर बीडीओ संतोष कुमार मिश्र के साथ गाली-गलौच और मारपीट की।
सरकारी वाहनों के शीशे तोड़ दिए गए और क्वारेंटाइन सेंटर में रखी कुर्सी मेज व अन्य सामानों को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस मामले में बीडीओ ने 20-30 अज्ञात सहित 4 युवकों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज करवाई है।
राहगीरों के साथ भी की मारपीट
बीडीओ ने स्थानीय थाने में आवेदन देकर कहा है कि 5.30 बजे वह अपने कार्यालय में थे तो क्वारेंटाइन सेंटर पर प्रतिनियुक्त कार्यपालक सहायक संजय पासवान ने सूचना दी कि यहां पर रह रहे लोग हंगामा कर रहे हैं। कार्रवाई के लिए जब वह वहां पहुंचे तो सुमित कुमार, राहुल कुमार सिंह, अंकित सिंह और श्रीराम साह के अलावा 25-30 लोग गाली-गालौज करने लगे। लोगों ने उनके और अन्य कर्मियों के साथ मारपीट भी की।
जान बचाकर भागने लगे तो उपद्रवियों ने क्वारेंटाइन सेंटर में रखे टेबुल तोड़ डाले और कुर्सियां लेकर सरकारी कर्मियों को मारने दौड़ पड़े। ईंट-पत्थर चलाकर कई वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। सड़क जाम कर राहगीरों के साथ भी मारपीट की है। उपद्रवियों का कहना था कि यहां कोई सुविधा नहीं है।
दो साल की कैद व जुर्माने का प्रावधान
दूसरी ओर राज्य के अलग-अलग जिलों में बने क्वारेंटाइन सेंटर पर हो रहे हंगामे को देखते हुए बिहार के डीजीपी ने सख्त फैसला लेने के निर्देश दिए है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि यदि कोई क्वारेंटाइन सेंटर पर हंगामा करता है तो उसपर राष्ट्रीय आपदा कानून का उल्लंघन करने मुकदमा दर्ज किया जाएगा। हंगामा करने वाले लोग क्वारेंटाइन सेंटर से घर नहीं सीधे जेल जाएंगे।
बता दें कि राष्ट्रीय आपदा कानून का उल्लंघन करने पर 2 साल की कैद और जुर्माना का प्रावधान है। डीजीपी के सख्त निर्देश के बाद अब कोरोना आपदा ने लगे सरकारी कर्मियों को डिस्टर्व करने वाले लोगों पर मुकदमा दर्ज करने का रास्ता खुल गया है।