सार
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इस समय चारा घोटोले में मिली सजा को रांची में काट रहे हैं। तबियत खराब रहने के कारण उन्हें रांची के रिम्स में एडमिट कर इलाज किया जा रहा है। जहां बीते दिनों उनके इलाज में लगे डॉक्टर को कोरोना संदिग्ध मानकर उनके सैंपल को टेस्ट के लिए भेजा गया था। अब डॉक्टर की रिपोर्ट आ गई है।
पटना। बिहार-झारखंड के साथ-साथ पूरे देश में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस बीच रांची से यह खबर आई थी कि रिम्स में एडमिट बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के इलाज में लगे डॉक्टर उमेश प्रसाद कोरोना के मरीज के संपर्क में आए हैं। डॉ. उमेश के कोरोना मरीज के संपर्क में आने से हड़कंप मच गया था। राजद कार्यकर्ताओं के साथ-साथ अन्य दलों के नेताओं को भी लालू के स्वास्थ्य को लेकर चिंता होने लगी थी। हालांकि अब रिम्स के डॉक्टरों के साथ झारखंड सरकार ने राहत की सांस ली है।
कोरोना मरीज मिलने के बाद बढ़ी थी चिंता
दरअसल, चारा घोटाले की सजा काट रहे लालू यादव का इलाज कर रहे डॉक्टर और उनकी पूरी टीम की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। लालू का इलाज कर रहे डॉक्टर उमेश के साथ-साथ उनकी पूरी टीम का सैंपल बीते दिनों टेस्ट के लिए भेजा गया था। बताया जाता है कि रिम्स के मेडिकल वार्ड में एडमिट एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। जिसके बाद ऐहतिहातन उस व्यक्ति के इलाज में लगे डॉक्टर व अन्य मेडिकल टीम का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया था।
अब लालू के कोरोना टेस्ट की जरूरत नहीं
डॉ. उमेश और उनकी टीम की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद लालू यादव के ऊपर से कोरोना का खतरा टल गया है। अब उनका कोरोना टेस्ट नहीं कराया जाएगा। बताते चलें कि बीते कुछ दिनों से कोरोना और लालू की खराब सेहत को देखते हुए उन्हें पेरोल पर रिहा करने की मांग की जा रही है।
झारखंड सरकार के एक मंत्री ने कैबिनेट के साथ हुई बैठक में भी लालू की रिहाई का मुद्दा उठाया था। हालांकि अभी तक लालू की रिहाई का रास्ता साफ नहीं हो सका है।