सार

मनोज कुमार अपने पद का रौब दिखाते हुए एक चौकीदार से उठक-बैठक करवाते दिखे थे। वीडियो वायरल होने के बाद जांच कि गई और वे जांच में दोषी पाए गए। 


पटना. बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो खुब वायरल हुआ। वीडियो में लॉकडाउन के दौरान वाहन पास मांगने पर  अररिया कृषि पदाधिकारी मनोज कुमार अपने पद का रौब दिखाते हुए एक चौकीदार से उठक-बैठक करवाते दिखे थे। वीडियो वायरल होने के बाद जांच कि गई और वे जांच में दोषी पाए गए। लेकिन मामला यहीं नहीं थमा दोषी पाए जाने के कुछ ही समय बाद एक और खबर आई कि बिहार सरकार ने मनोज कुमार को प्रमोट कर दिया है। जिसके बाद एक बार फिर हंगामा मच गया। लेकिन अब इस मामले में कृषि विभाग ने मनोज कुमार को निलंबित कर दिया गया।

अधिकारी जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए
कृषि विभाग के उप सचिव राधाकांत ने मंगलवार को आदेश जारी करते हुए कहा कि लॉकडाउन का पालन कराने की ड्यूटी पर तैनात चौकीदार गणेश लाल ततमा पर कृषि अधिकारी ने धौस जमाते हुए पहले माफी मंगवाया। इसके बाद कान पकड़कर उठक-बैठक कराया। यह स्वेच्छाचारिता, आपदा अधिनियम के विरुद्ध आचरण और सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 के नियम 3 का उल्लंघन का मामला है। अधिकारी जांच रिपोर्ट में दोषी पाए गए हैं। और उन पर इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की जा चुकी है। 

एएसआई को किया गया था सस्पेंड
उल्लेखनीय हो कि पिछले सप्ताह वीडियो काफी तेजी से वायरल हुई थी। जिसमें लॉकडाउन ड्यूटी पर तैनात चौकीदार से कृषि पदाधिकारी सहित ने उठक-बैठक करवाते हुए पैर के बल बिठाकर माफी मंगवाई गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद बिहार डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के आदेश पर वीडियो में दिख रहे अररिया के एक एएसआई गोविंद सिंह को सस्पेंड किया गया था। लेकिन इस पूरे प्रकरण के मुख्य दोषी को दंडित करने की बजाए प्रमोशन मिलना बिहार की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है।