सार

मामला बिहार की राजधानी पटना के दुजरा पहलवान घाट की है। जहां मां की मौत के 10 दिनों बाद इंजीनियर बेटे ने फांसी लगा खुद की जान दे दी थी। हैरत की बात यह है कि इस परिवार के अभिभावक अर्थात मृतक युवक के पिता और बहन भी पहले ही खुशकुशी कर चुकी थी। 
 
पटना। यदि कहीं कोई खुदकुशी करता है तो यह कहा जाता है कि किसी बात को लेकर तनाव में रहा होगा। लेकिन जब एक ही परिवार के तीन सदस्य अलग-अलग समय पर आत्महत्या कर लें, इसे लेकर आस-पास के लोगों में चर्चा का विषय हो जाना स्वभाविक है। 

कोरोना से उपजे विपरित हालात के बीच इन दिनों पटना के दुजरा पहलवान घाट मोहल्ले के लोग कुछ इसी तरह की चर्चा और खौफ में जी रहे हैं। दरअसल, इस मोहल्ले में रहने वाली एक महिला की मौत आज से करीब 10-12 दिन पहले हो गई थी। महिला लंबे समय से बीमार थी। लिहाजा उसकी मौत स्वभाविक कही जा सकती है। लेकिन महिला की मौत के 10 दिन बाद बीते रविवार की रात उसके इंजीनियर बेटे रोहित रंजन ने भी फांसी लगाकर खुद की जान दे दी। 

मां की बीमारी के कारण नौकरी छोड़ आया था घर 
रोहित दिल्ली में इंजीनियर था। मां की बीमारी के कारण वह नौकरी छोड़कर पटना आया था। लेकिन वह अपनी बीमार मां को ठीक करने में सफल नहीं हुआ। मां की मौत के बाद से वह गुमसुम रहने लगा था। बीते सोमवार को काफी देर तक उसके घर का दरवाजा नहीं खुलने पर स्थानीय लोगों ने खिड़की से उसके कमरे में झांक कर देखा तो पाया कि उसका शव पंखे से लटक रहा था। 

इसके बाद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पंखे से उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। स्थानीय लोगों ने बताया कि युवक मां की मौत के बाद काफी गुमसुम था। 

पिता और बहन पहले कर चुके हैं खुदकुशी 
हालांकि रोहित के कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। मामले में स्थानीय लोगों ने बताया कि रोहित के पिता शिवेंद्र नारायण ने काफी दिनों पहले खुदकुशी की थी। पिता की मौत के बाद कुछ दिनों बाद रोहित की बहन ने भी खुदकुशी की थी। अब रोहित की मौत से स्थानीय लोगों में कई तरह की चर्चा है। 

कोई इसे भूत-प्रेत का चक्कर तो मानसिक अवसाद बता रहा है। रोहित के परिवार में अब एक मात्र उसका भाई बचा है। जो बेंगुलरु में जॉब करता है। उसे भाई की मौत की सूचना दे दी गई है। लेकिन लॉकडाउन के कारण वो अभी तक नहीं आ सका है।