सार

मामला बिहार की राजधानी पटना-जहानाबाद रेलवे रूट की है। मधुबनी जिले में काम करने वाले दो युवक रोजी-रोटी छिन जाने से पैदल ही अपने घर अरवल जा रहे थे। इसी बीच तारेगना स्टेशन से पहले मालगाड़ी की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई। 
 
पटना। लॉकडाउन के कारण रोजी-रोटी छिन जाने वाले निम्न आय वर्ग वाले लोगों का जैसे-तैसे घर आने का सिलसिला अभी जारी है। दूसरे राज्यों के साथ-साथ बिहार के अन्य जिलों में रह रहे लोग भी काम छिन जाने के कारण अपने-अपने घर जा रहे है। बिहार के मधुबनी जिले में एक नेटवर्किंग कंपनी में काम करने वाले अरवल के दो युवक भी रोजी-रोटी छिन जाने के बाद रेल पटरी के सहारे अरवल जा रहे थे। लेकिन पटना से थोड़ा आगे बढ़ते ही मालगाड़ी के चपेट में आने से दोनों युवकों की दर्दनाक मौत हो गई। रेल पटरी पर दूर-दूर तक इनके शव के टुकड़े पड़े है। लाश के पास से मिले आधार कार्ड से इन दोनों युवकों की पहचान हुई है। 

अरवल के कारवा बरराम निवासी है मृतक
मृतक की पहचान अरवल के बंसी थाना क्षेत्र अंतगर्त कारवा बलराम गांव निवासी सुबोध कुमार  के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों द्वारा घटना की जानकारी मिलने पर जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे। जहां से शव को बरामद किया गया। आधार कार्ड से पहचान होने के बाद युवक के परिजनों को मामले की जानकारी दी गई। इस दर्दनाक हादसे से युवक के परिजनों में कोहराम मचा है। बताया जाता है कि दोनों युवक मधुबनी में एक नेटवर्किंग कंपनी में काम किया करते थे। जहां काम बंद हो जाने बाद भूखमरी की समस्या को देखते हुए दोनों पैदल रेल पटरी के सहारे घर जा रहे थे। 

मामले की छानबीन में जुटी रेलवे पुलिस 
पटना से आगे बढ़ने के बाद जहानाबाद रेलवे स्टेशन से कुछ स्टॉपेज पहले तारेगना रेलवे स्टेशन के पास इन दोनों की मौत हो गई। लॉकडाउन में रेल परिचालन बंद है। लेकिन जरूरी सामानों की आवाजाही के लिए पार्सल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है। मामले की जानकारी पर मृतक के परिजन तारगेना के लिए रवाना हो चुके है। तारेगना रेलवे पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।