सार

कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन में चोरों का हौसला बुलंद है। लोगों के घरों में कैद होने के कारण चोर वैसे ठिकानों को निशाना बना रहे हैं, जहां कम लोग होते हैं। ऐसे में मंदिर व बंद पड़े दुकानों में चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। 
सीवान। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए इस समय पूरे देश में लॉकडाउन लगा है। जिसमें लोगों का घरों निकलने पर प्रतिबंध है। लेकिन इसके बाद भी आपराधिक प्रवृति के लोग अपने हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। बिहार में कोरोना का हॉटस्पॉट कहे जाने वाले सीवान जिले में चोरी का विरोध करने पर अज्ञात अपराधियों ने एक पुजारी की पीट-पीट कर हत्या कर दी।

मामला सीवान के चैनपुर ओपी क्षेत्र के मेहंदार स्थित हनुमानगढ़ी मंदिर का है। मृत पुजारी की पहचान मशरख थाना क्षेत्र के जयथर निवासी महंत जनक दास के रूप से हुई है। खून से लथपथ जनक दास का शव मंदिर के छत पर बरामद हुआ है। 

पुजारी की हत्या से आस-पास के लोगों में आक्रोश
बताया जाता है कि जनक दास इस मंदिर में 35 वर्षों से थे। वो यहां भगवान की पूजा करते थे साथ ही मंदिर में दर्शन व पूजा के लिए आने वाले स्थानीय लोगों की पूजा कराते थे। पुजारी की इस नृशंस हत्या से आस-पास के लोगों में आक्रोश है। गुरुवार सुबह मामले की जानकारी लोगों को मिली। जिसके बाद पुलिस  को सूचना दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। साथ ही मामले की छानबीन शुरू कर दी गई है।

स्थानीय लोगों ने आशंका जताई कि इस वारदात को अंजाम चोरी की घटना का विरोध करने पर की गई होगी। 

मंदिर परिसर चोरों के सॉफ्ट टारगेट पर 
लॉकडाउन के कारण बिहार के भी लगभग सभी मंदिर बंद हैं। ऐसे में मंदिर परिसरों में केवल पुजारी और एक-दो उनके सहयोगी रहते हैं। ऐसे में मंदिर परिसर चोरों के सॉफ्ट टारगेट पर है। बीते दिनों पूर्णिया में भी चोरों ने करोड़ों की अष्टधातू की श्री राम, लक्ष्मण और माता जानकी की प्रतिमा की चोरी की थी। सीवान में पुजारी की हत्या के मामले में एसपी अभिनव कुमार ने कहा कि मामले के कारणों के बारे में गहराई से छानबीन की जा रही है। मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।