सार
बिहार में लाए जा रहे प्रवासी मजूदरों को 21 दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। प्रशासन का दावा है कि इन सेंटरों पर पूरी व्यवस्था की गई है। लेकिन हकीकत कुछ और ही है।
खगड़िया। लॉकडाउन के कारण दूसरे राज्यों में फंसे बिहारी छात्र-छात्राओं, कामगारों-मजदूरों सहित अन्य लोगों को स्पेशल ट्रेन से बिहार लाने का सिलसिला जारी है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बिहार लाने के बाद सभी मेडिकल चेकअप किया जाता है। जिसके बाद उन्हें प्रखंडों के सरकारी स्कूलों में बने क्वारेंटाइन सेंटर में रखा जाता है। सरकार का दावा है कि क्वारेंटाइन सेंटरों पर भोजन-पानी, बिजली, शौचालय सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया हैं। लेकिन हकीकत दावे के ठीक उलट है। बिहार के कई जिलों से क्वारेंटाइन सेंटर की बदइंतजामी के मामले सामने आ रहे हैं।
एकनियां स्कूल में बने सेंटर की कहानी
ताजा मामला बिहार के खगड़िया जिले से सामने आया है। जहां कुल 68 क्वारेंटाइन सेंटर बनाए गए हैं। लेकिन इन सेंटरों पर रह रहे लोगों को मानक के अनुरूप भोजन नहीं मिल रहा है। मध्य विद्यालय एकनियां में बने क्वारेंटाइन सेंटर 29 प्रवासी रखे गए है। यहां एक व्यक्ति ने कबाड़ की बाल्टी दिखाते हुए कहा कि केंद्र पर यही एक बाल्टी है। इससे शौचालय भी जाते हैं और खाने के बाद इसी से पीने के लिए पानी लाते हैं। मानसी के बापू जी स्मारक मध्य विद्यालय में 16 प्रवासी मंगलवार को मौजूद थे। जहां सभी को नाश्ते में चना दिया जा रहा था।
नाश्ते में दिया जाता सूखा पोहा व मुड़ी
जिले के गोगरी प्रखंड के दो क्वारेंटाइन सेंटर राष्ट्रीय इंटर स्कूल और मीडिल स्कूल श्रीशिरनियां में क्रमश: 95 तथा 98 प्रवासी मौजूद थे। प्रशासन का दावा है कि लोगों को आपदा के तहत पोषित आहार की आपूर्ति हो रही है और समुचित व्यवस्था है। लेकिन यहां रखे गए लोग गमछे में सूखा चुरा (पोहा) व मुड़ी फांकते मिले। जबकि पानी पीने सहित रसोइए द्वारा खाना बनाने, प्रवासियों के शौचालय जाने, नहाने व पानी पीने के लिए एक ही हैंडपंप पर निर्भर रहना पड़ रहा था। मामले में डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर पर सारी सुविधा देने का निर्देश है। अधिकारी को मॉनिटरिंग के लिए लगाया है। जांच में अगर ये बातें सच पाई गई तो संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जााएगी।
कटिहार से भाग गए थे 20 प्रवासी
क्वारेंटाइन सेंटर की इसी बदइंतजामी के कारण सोमवार को कटिहार में बनाए गए सेंटर से 20 मजदूर भाग गए थे। मजदूरों ने पहले तो जमकर हंगामा किया था। इसके बाद क्वारेंटाइन सेंटर का ताला तोड़ कर गार्ड को धमकाते हुए भाग गए। भागने वाले मजदूरों का कहना था कि क्वारेंटाइन सेंटर पर लाकर हमें कैद कर दिया गया है। न तो भोजन मिलता है और ना हीं पानी। वहीं दूसरी ओर राज्य में कोरोना के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। बाहर से आए इन मजदूरों से संक्रमण के और तेज होने की आशंका है।