सार
मामला बिहार के कटिहार जिले का है। जहां सदर अस्पताल में संचालित हो रहे मलेरिया विभाग में कर्मचारी हेलमेट लगाकर काम करने को विवश है। उक्त भवन करीब 50 वर्ष पुराना है, ऐसे में हरसमय छत और दीवार से चट गिरता रहता है।
कटिहार। आपने लोगों को सड़क पर बाइक या स्कूटी चलाते हुए हेलमेट पहने देखा होगा, लेकिन बिहार में एक ऐसा अस्पताल भी है जहां स्वास्थ्यकर्मी हेलमेट पहन कर दफ्तर में काम करते हैं। चौकाने वाली यह तस्वीर उस वक्त सामने आ रही जब सूबे का जीडीपी देश की जीडीपी से अधिक है और मुख्यमंत्री राज्य के विकास के लिए अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। मामला सूबे के कटिहार जिला के सदर अस्पताल की है। जहां मलेरिया कार्यालय में तैनात कर्मी हेलमेट लगाने को मजबूर हैं।
पांच दशक पुराना है ये जजर्र भवन
कटिहार सदर अस्पातल परिसर में बने जिस भवन में मलेरिया ऑफिस चल रहा है, वह 50 साल पुराना हो चुका है। पांच दशक पुरानी इस बिल्डिंग की छत और दीवार दरक कर गिरती रहती है। इससे यहां काम करने वाले लोगों को परेशानी होती है और उन्हें हादसे का डर बना रहता है। भवन की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी है कि यहां आने से पहले अधिकारी और कर्मी आपको हेलमेट पहने की सलाह दे देते हैं। तैनात कर्मी ने बताया कि बछत दरक कर गिरने से यहां लगे कम्प्यूटर और लैपटॉप को भी नुकसान पहुंचता है।
कई बार किया सूचित, नहीं हुआ काम
मामले में मलेरिया पदाधिकारी डॉ. जयप्रकाश सिंह ने कहा कि इस बारे में कई बार सिविल सर्जन से लेकर डीएम तक पत्रचार किया गया। लेकिन नतीजा अबतक कुछ भी नहीं निकला। वहीं खस्ता हाल भवन के बारे में पूछे जाने पर कटिहार सिविल सर्जन डॉ. अरविंद प्रसाद शाही ने कहा कि मलेरिया विभाग का भवन जर्जर घोषित हो चुका है। लेकिन फिलहाल कोई विकल्प नहीं है, इसलिए किसी तरह इसी भवन में कार्यालय चलाया जा रहा है। लेकिन इस महीने के आखिर तक जर्जर भवन को तोड़कर निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।