सार

रिश्ते को शर्मसार करने वाला ये मामला बिहार के जमुई जिले से सामने आया है। जहां एक साल से लापता लड़की की जानकारी दिल्ली से लौटे मजदूरों ने माता-पिता को दी। मजदूरों ने अपने मोबाइल में लड़की की तस्वीर दिखाई फिर उससे बात भी करवाई तो पता चला कि चाचा-चाची ने भी लड़की को बेहोश कर दिल्ली में बेच दिया था। 

जमुई। पिछले साल जिले के चकाई थाना क्षेत्र के धमनाडीह गांव से एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी। गरीब माता-पिता ने बेटी की काफी खोजबीन की लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला। थक-हार कर माता-पिता अपने कलेजे पर पत्थर रख लिया था। लेकिन अब लॉकडाउन के कारण दिल्ली से लौटे धमनाडीह के मजदूरों ने माता-पिता को बेटी की तस्वीर दिखाई फिर उससे फोन पर बात भी कराई। माता-पिता से आवाज सुनते ही लड़की फफक कर रोने लगी। उसने रोते-रोते बताया कि उसके चाचा-चाची ने भी समोसे में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे दिल्ली ले गए और वहां एक सेठ को बेच दिया। 

बेटी से हुई बात तो मामले का हुआ खुलासा 
बेटी से बात करने के बाद पीड़ित परिवार ने चकाई थाने में उसकी वापसी की गुहार लगाई लेकिन लॉकडाउन के कारण अभी बेटी की वापसी संभव नहीं दिख रही। पीड़ता ने मां को बताया कि चाचा-चाची नशीला समोसा खिलाकर बेहोश कर दिया और यहां लाकर बेच दिया। गरीबी और लाचारी के कारण पीड़ित परिवार तब से अपनी बेटी की तलाश में जुटा था। लड़की के पिता तलका तुरी उर्फ बसंत तुरी व मां फुलवा देवी ने बताया कि पुत्री पिंकी कुमारी से जब फोन पर बात हुई तो पता चला कि उसके चाचा मनोज तुरी व चाची गुंगरी देवी गांव के ही कुलदीप तुरी की मदद से उसे दिल्ली में बेच डाला है। 

लॉकडाउन खत्म होने के बाद आएगी लड़की
पिंकी जहां काम करती है उसके काम का सारा पैसा दलाल व उसके चाचा मनोज तुरी आपस में बांटते हैं। फोन पर रोती-गिड़गिड़ाती पुत्री ने मां को घर लाने की गुहार लगाई है। पुत्री ने बताया कि उसकी चाची उसे समोसे में नशीली दवा देकर उसे बेहोस कर दिया और फिर ट्रेन से उसे दिल्ली लेकर चली आई। दिल्ली में एक सेठ के यहां उसे बेच दिया गया है। सेठ की एक फैक्ट्री है, जहां वह साफ-सफाई का काम करती है। दूसरी ओर लड़की के बारे में उसके मालिक ने दिल्ली पुलिस को भी सूचना दी। सेठ की बात पर दिल्ली पुलिस ने उसे लॉकडाउन तक अपने फैक्ट्री में ही रखने की बात कहते हुए उसकी दलाली करने वाले की तालाश करने का आश्वासन दिया।