सार
मां-बेटे के रिश्ते को दुनिया को सबसे पवित्र रिश्ता कहा जाता है। 9 महीने तक कोख में रखकर असहनीय दर्द सहते हुए मां अपने बच्चे को जन्म देती हैं। लेकिन इसके बाद भी कुछ ऐसे कलियुगी बेटों का उदाहरण सामने आता है जो इस पवित्र रिश्ते की मर्यादा को तार-तार कर देता है।
मुंगेर। 9 महीने तक कोख में रखकर असहनीय दर्द सहते हुए मां अपने बच्चे को जन्म देती हैं। लेकिन इसके बाद भी कुछ ऐसे कलियुगी बेटों का उदाहरण सामने आता है जो इस पवित्र रिश्ते की मर्यादा को तार-तार कर देता है। ताजा मामला बिहार के मुंगेर जिले का है। जहां शुक्रवार को एक 70 वर्षीय वृद्धा बुरी तरह से जख्मी हालत में सदर अस्पताल में भर्ती की गई। महिला मुंगेर के किला परिसर इलाके में काफी देर तक बेपरवाह घुम रही थी। स्थानीय लोगों को जब तरस आया तो उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां फिलहाल महिला का इलाज चल रहा है।
400 रुपए प्रतिमाह मिलती है पेंशन राशि
मिली जानकारी के अनुसार वृद्ध महिला मुंगेर के बरियारपुर की पछियारी टोला निवासी कमली महतो की पत्नी गुलरिया देवी है। उसे चार बेटे हैं- उमेश, भोला, रंजीत और शंभू। सभी बेटों की शादी हो चुकी है। सभी अपने-अपने परिवार के साथ रहते हैं। वृद्धा गांव के बाहर एक छोटी सी झोपड़ी में रहती थी। सरकार से प्रतिमाह 400 रुपए मिलने वाली वृद्धा पेंशल राशि का कुछ पैसा उसके पास था। जिसके लिए उसके तीसरे बेटे रंजीत ने उसे बुरी तरह से पीटा। जिसके बाद वो बदहवास स्थिति में शहर आ गई।
पुलिस ने पागल बोल थाने से भगा दिया
बताया जाता है कि कमली महतो की मौत 19 साल पहले हो चुकी है। पति की मौत के बाद बेटों ने घर से निकाल दिया। वह घर के समीप गली में रहतीं हैं और ग्रामीणों द्वारा दिए गए खाने से गुजर बसर करतीं हैं। बेटे व बहू से खाना मांगने पर खाना नहीं देते और मारपीट करते हैं। कुछ वर्षों से उसे वृद्धजन पेंशन योजना के तहत 400 रुपया प्रति माह मिल रहा है। इसी के कुछ पैसे वृद्ध के पास थे। जिसे शुक्रवार की सुबह उसके पुत्र रंजीत ने छीन लिया। जब उसने विरोध किया तो पुत्र रंजीत और उसकी पत्नी शर्मीलीया देवी ने मारपीट कर घायल कर दिया। वह शिकायत करने कई बार थाने गईं, वहां से उसे पागल बोलकर भगा दिया जाता है।