सार
बिहार के मोतिहारी जिले में घनी बस्ती के बीच निकले 440 बिजले के तारों में अचानक आग लग गई। जिसको लेकर मोहल्ले में अफरातफरी का माहौल हो गया और लोग चीखने-चिल्लाने लगे। लेकिन इस दौरान एक शिक्षक ने बहादुरी दिखाते हुए पूरे मोहल्ले को जलने से बचा लिया और दूसरे के लिए रोल मॉडल बन गया। हर कोई आज उनकी तारीफ कर रहा है।
मोतिहारी (बिहार). अक्सर कहा जाता है कि आग-पानी और बिजली यह तीनों यमराज हैं, जिनके सामने जरा सी लापरवाही पर लोगों की मौत हो जाती है। बिहार के मोतिहारी जिले में ऐसी एक घटना घट गई, जहां घनी बस्ती के बीच निकले 440 बिजले के तारों में अचानक आग लग गई। जिसको लेकर मोहल्ले में अफरातफरी मच गई और लोग चीखने-चिल्लाने लगे। लेकिन इस दौरान एक शिक्षक ने बहादुरी दिखाते हुए पूरे मोहल्ले को जलने से बचा लिया और दूसरे के लिए रोल मॉडल बन गया। हर कोई आज उनकी तारीफ कर रहा है।
भीड़ से आए युवक ने बचा ली सैंकड़ों लोगों की जान
दरअसल, यह मामला मोतिहारी जिले के मठिया जिरात इलाके के सुभाष नगर मोहल्ले का है। जहां बस्ती में से निकले बीजली के तारों में अचानक भीषण आग लग गई। जिसे देख लोग इधर-उधर भागने लगे तो कुछ यही सोच रहे थे कि अगर आग को नहीं बुझाया गया तो सैंकड़ों लोगों की जान जा सकती है। लेकिन किसी को ये समझ नहीं आ रहा था कि आखिर बिजली से लगे आग पर काबू कैसे पाया जाए।
अपनी जान की परवाह किए बगैर 440 वोल्ट के करंट को किया खत्म
भीड़ के बीच मौजूद पेशे से एक शिक्षक जिनका नाम मदनाकर कुमार है वह सामने आए लोगों को बचाने की ठानी। वह अग्निशामक यंत्र को लेकर सीढ़ी के जरिए पोल के उस हिस्से तक पहुंच गए जहां पर आग लगी हुई थी। हालांकि कुछ लोग उनको पोल पर चढ़ने के लिए मना करते रहे। लेकिन वह नहीं माने और कहने लगे कि अगर मैं नहीं गया तो पता नहीं क्या हो जाएगा। इसलिए मुझे जाने दो। मदनाकर कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बगैर 440 वोल्ट के बिजली के तार में लगी आग को बुझा दिया, जिसमें करंट दौड़ रहा था।
हिम्मत नहीं दिखाई होती तो कुछ भी हो सकता था
गांव के लोगों ने बताया कि अगर समय रहते शिक्षक ने आग को नहीं बुझाया जाता तो मोहल्ले में एक बड़ी वारदात हो जाती। अब हर कोई इस शिक्षक के हौसले और बहादुरी की तारीफ कर रहा है। वहीं यह कह रहे हैं कि मुसीबत के दौरान अगर हौसले बुलंद हो तो किसी भी विपदा से निपटा जा सकता है।