सार

राजस्थान के कोटा शहर में पढ़ाई करने वाले बिहार के हजारों छात्र इस समय लॉकडाउन के कारण वहां फंस गए हैं। यूपी सरकार ने स्पेशल बसें भेजकर वहां से अपने स्टूडेंट्स को बुलवा लिया था। लेकिन बिहार सरकार की ओर अभी तक ऐसी कोई अपील नहीं की गई है। 
 

छपरा। इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी करने वाले हजारों बिहारी स्टूडेंट इस समय राजस्थान के कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे हैं। बीते दिनों बिहार के एक बीजेपी विधायक अपनी बेटी को कोटा से सड़क मार्ग से लेकर आए थे। जिसके बाद  वहां फंसे बिहार के अन्य स्टूडेंट को वापस लाने की मांग की जा रही है। कोटा में फंसी बिहार के छपरा जिले की छात्राओं ने एक वीडियो मैसेज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाई है।

वीडियो संदेश में लड़कियां यह कह रही है कि हम लोग यहां फंसे हुए हैं। हमें डर लग रहा है। नीतीश अंकल हमलोगों को यहां से बुला लीजिए प्लीज। 

प्रतिवर्ष हजारों बिहारी छात्र जाते हैं कोटा
बिहार के अलग-अलग जिलों से हजारों की संख्या में प्रतिवर्ष छात्र-छात्राएं कोटा इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी के लिए जाते हैं। कोरोना के कारण उपजे हालात के बीच जारी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन में वहां हजारों की संख्या में बिहारी स्टूडेंट के फंसे होने का अनुमान लगाया जा रहा है। छपरा के मढ़ौरा तेजपुरवा निवासी मनोज गुप्ता की बेटी मिताली गुप्ता जो इस समय कोटा में फंसी हैं, ने अपने अन्य साथियों के साथ वीडियो बना कर घर बुलवाने की अपील की है।  

गहलोत सरकार कर चुकी छात्रों को ले जाने की अपील
लॉकडाउन के कारण कोटा के अधिकतर कोचिंग व इंस्टीट्यट बंद हैं। हॉस्टल आदि भी बंद हैं। बाजार व दूकानें बंद होने की वजह से वहां फंसे छात्र-छात्राओं को भारी परेशानी हो रही है। ऐसी स्थिति में बीते दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में फंसे अन्य राज्यों के छात्र-छात्राओं को संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री से ले जाने की अपील की थी। जिसके बाद यूपी की योगी सरकार ने बसें भेजकर उत्तर प्रदेश के करीब 6500 छात्रों को बुलवाया था। हालांकि नीतीश कुमार ने यूपी सरकार के इस फैसले का यह कहते हुए आलोचना की थी कि इससे लॉकडाउन का मजाक बनेगा।