सार

अवैध बालू खनन के मामले में निलंबित किए गए भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं।

पटना(Bihar).  अवैध बालू खनन के मामले में निलंबित किए गए भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। दोनों आईपीएस अधिकारियों का निलंबन फिर से 180 दिन यानी छह माह के लिए बढ़ा दिया गया है। गृह विभाग ने इस सम्बंध में आदेश जारी कर दिया है। अब दोनों अफसर 16 जुलाई 2023 तक निलंबित रहेंगे। दोनों अफसरों पर बालू के अवैध खनन में शामिल लोगों को मदद पहुंचाने और इसमें संलिप्त रहने का आरोप है।

गौरतलब है कि औरंगाबाद जिले के तत्कालीन एसपी सुधीर कुमार पोरिका और भोजपुर के एसपी रहे राकेश कुमार दूबे को आर्थिक अपराध इकाई की जांच रिपोर्ट के बाद डीजीपी की अनुशंसा पर पहली बार 27 जुलाई 2021 को निलंबित किया गया था। इनका निलंबन 60 दिनों यानी 24 सितंबर 2021 तक प्रभावी था।  इसके बाद उनकी निलंबन अवधि पहले 120 दिन बढ़ाई गई जो 22 जनवरी 2022 तक के लिए थी।  फिर इसे 180 दिन यानी 21 जुलाई 2022 तक बढ़ा दिया गया।  फिर  से 1 जुलाई को हुई निलंबन समीक्षा समिति की बैठक में दोनों अफसरों के निलंबन को 21 जुलाई 2022 से अगले 180 दिन यानी 17 जनवरी 2023 तक बढ़ा दी गई थी। अब एक बार फिर से निलंबन अवधि बढ़ाई गई है।

जारी है जांच, निलंबन अवधि में मिलता रहेगा जीवन भत्ता
दोनों आईपीएस ऑफिसर की निलंबन अवधि 180 दिन के लिए बढ़ाते हुए  इसे 16 जुलाई 2023 कर दिया गया है। इस दौरान इन दोनों आईपीएस अधिकारियों को जीवन भत्ता मिलता रहेगा। इस मामले में फिलहाल आय से अधिक संपति के साथ विभागीय कार्रवाई भी चल रही है।

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