सार

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज एक्टर ऋषि कपूर का आज सुबह निधन हो गया। उनके निधन से पूरा बॉलीवुड शोक में डूबा है। उन्हें चाहने वाले लाखों लोग गमजदा हैं। उनसे जुड़ी यादें साझा कर रहे हैं। इस बीच हम ऋषि कपूर के बिहार से जुड़े इस किस्से को बता रहे हैं, जब उन्होंने कभी बिहार नहीं आने की बात कही थी। 
 

पटना। बॉबी, चांदनी, दीवाना, नगीना, प्रेम रोग सहित कई सुपरहिट फिल्मों में अपने बेहतरीन अदाकारी का लोहा मनवाने वाले हिंदी फिल्म इंड्रस्टी के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का आज सुबह निधन हो गया। उन्हें सांस लेने में तकलीफ थी, जिस कारण उनके परिवार ने उन्हें बुधवार को हॉस्पिटल में एडमिट कराया था। चिंटूजी के नाम से मशहूर ऋषि अपनी अदाकारी के साथ-साथ सामाजिक मुद्दों पर खुलकर राय रखने के लिए जाने जाते थे। अपने ट्वीट के जरिए वो हमेशा सम-सामयिक मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते रहते थे। 

इस कारण कई बार उन्हें ट्रोल भी होना पड़ता था। आज से चार वर्ष पहले उन्होंने बिहार सरकार के एक फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया था। ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि अब वो बिहार कभी नहीं जाएंगे। 

बिहार सरकार के किस फैसले पर जताया था ऐतराज?
दरअसल, 2015 विधानसभा चुनाव को जीतने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने चुनावी वादे के अनुसार राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा की थी। 2016 में लागू फैसले के अनुसार राज्य में शराब की बिक्री, निर्माण और सेवन करना कानूनन अपराध बन गया। शराबबंदी के फैसले पर सवाल उठाते हुए ऋषि कपूर ने बिहार सरकार की आलोचना की थी। 

उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा था कि बिहार सरकार ने शराब की तस्करी और अवैध शराब को बढ़ावा देने वाला कदम उठाया है। दुनियाभर में शराब पर प्रतिबंध असफल रहा है। जाग जाओ, तुम्हें 3000 करोड़ रुपए के राजस्व का भी नुकसान होगा। 

इसके बाद एक और ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि शराब के लिए 10 साल की जेल, अवैध तरीके हथियार रखने पर पांच साल, वाह मुख्यमंत्री नीतीश। मैं बिहार नहीं आ रहा। 2016 में इतने अदूरदर्शी आप कैसे हो गए। 

05 अप्रैल 2016 को किए इन दो ट्विट के अलावा ऋषि कपूर ने शराब से जुड़ा एक और ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने अपनी फिल्म कुली की एक फोटो भी शेयर की थी। तस्वीर के साथ कैप्शन देते हुए लिखा था कि कुली के दिनों से पीने की प्रैक्टिस कर रहा है। लेकिन शराब और सिगरेट नुकसानदायक है। कृपया इससे दूर रहें। हाल ही में लॉकडाउन के दौरान भी ऋषि ने शराब की बिक्री रोकने को ठीक फैसला नहीं बताया था।