सार
लोक आस्था के महापर्व छठ का रंग पूरे बिहार में देखने को मिल रहा है। खरना के बाद रविवार को छठ का तीसरा दिन है।
बगहा(Bihar). लोक आस्था के महापर्व छठ का रंग पूरे बिहार में देखने को मिल रहा है। खरना के बाद रविवार को छठ का तीसरा दिन है। बिहार में एक ऐसा मुस्लिम परिवार है जिनके यहां पिछली चार पीढ़ी से छठ महापर्व का आयोजन होता है। घर की महिलाएं धर्म की बंदिशों को छोड़कर छठ व्रत करतीं है। तीन पीढ़ी पहले एक मन्नत पूरी होने के बाद इस परिवार में छठ व्रत शुरू हुआ, जो अब इनके यहां परंपरा बन गया है। दीपावली खत्म होने ही परिवार के सभी लोग छठ की तैयारी में जुट जाते हैं।
बगहा नगर के वार्ड नंबर 27 में सैफुल अली का परिवार कई वर्षों से रह रहा है। जैसे ही दीपावली खत्म होता है यह परिवार मांस मछली का सेवन करना छोड़ दिवाली के अगले दिन से ही छठ पर्व की तैयारी में जुट जाता है। नहाया खाया से लेकर खरना पूजा के साथ छोटी छठ से लेकर बड़ी छठ तक सब कुछ विधिपूर्वक संपन्न होता है। यहां खरना का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर विधिपूर्वक तैयार किया जाता है। इस काम में परिवार के सभी सदस्यों की सहभागिता रहती है।
मन्नत पूरी होने के बाद शुरू हुई परंपरा
परिवार के लोग बताते हैं कि तीन पीढ़ी पहले परिवार में मोहम्मद अली नामक एक व्यक्ति बीमार पड़ गए। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था कि अब वह ठीक नहीं हो सकते हैं। उस समय छठ पर्व चल रहा था, इसी दौरान मोहम्मद अली की पत्नी जमीला खातून ने छठ मैया से पति के ठीक होने की दुआ मांगी। कुछ ही दिनों में देखते-देखते मोहम्मद अली बिना किसी दवा-इलाज के ठीक हो गए। फिर क्या था अगले साल ही जमीला खातून पूरे विधि विधान से छठ व्रत करना शुरू कर दिया। जमीला के बाद इसी परिवार की राजा अली की पत्नी आसमा खातून छठ व्रत करने लगी। उनके बाद सैफुल अली की पत्नी मोती जान खातून छठ ने छठ व्रत किया। अब इस परिवार की हसमत अली की पत्नी कमरुल निशा व्रत विधि विधान पूर्वक कर रही हैं।
आधा दर्जन अन्य मुस्लिम महिलाएं कर रहीं हैं छठव्रत
वार्ड नंबर 27 की ही हुसैन तारा भी 4 वर्षों से छठ व्रत करती आ रही हैं। हुसैन तारा बताती है कि उनका बच्चा बीमार पड़ गया था। छठ मैया से ठीक होने की प्रार्थना किया। कुछ दिनों के बाद बच्चा ठीक हो गया । अब विगत 4 वर्षों से छठ पूजा विधि पूर्वक करती आ रही है। वाहि पिपरासी प्रखंड के हलुवाईया पट्टी गांव निवासी मो. साबिर की पत्नी खैरुन नेशा 10 साल से छठ कर रही हैं, तो घोड़हावा निवासी नेबाबू खातून पिछले 15 वर्ष से छठ व्रत करती आ रही है। घोड़हावा स्कूल टोला गांव की आशा खातून पिछले आठ वर्ष से पूरे निष्ठा से छठ व्रत करती आ रही है। इन महिलाओं में किसी का गोद भरा है तो किसी का गोद उजड़ने से बच गया है। हर किसी की कोई न कोई मन्नत पूरी हुई है, इसलिए महिलाएं छठ व्रत कर रही है।