सार
अजय देवगन की फिल्म भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है। फिल्म रिलीज के खास मौके पर अजय देवगन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की।
मुंबई. अजय देवगन (Ajay Devgn) की फिल्म भुजः द प्राइड ऑफ इंडिया (Bhuj The Pride of India) ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई है। फिल्म रिलीज के खास मौके पर अजय देवगन ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (rajnath singh) से मुलाकात की। अजय ने इस मुलाकात की फोटो अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर पर भी शेयर की है। उन्होंने लिखा- भारत के माननीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से मिलने खुद को सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया की कुछ क्लिप देखें हैं। मेरे लिए 50 साल पहले पाकिस्तान पर भारत की जीत को दर्शाने वाली फिल्म को रिलीज करने के लिए यह एक बेहतरीन मंच था। जय हिन्द। वहीं, राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर पर फोटो शेयर कर लिखा- फेमस एक्टर अजय देवगन से मुलाकात हुई। वह एक शानदान एक्टर और बेहतरीन व्यक्ति है। उन्होंने 1971 के युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के वीरतापूर्ण प्रयासों को फिल्म के जरिए दिखाया है। मैं उनके सफल भविष्य की कामना करता हूं।
बता दें कि फिल्म भुज: द प्राइड ऑफ इंडिया' भारतीय वायु सेना के स्क्वाड्रन लीडर विजय कार्णिक की जर्नी और 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान स्थानीय गांवों की 300 महिलाओं की मदद से IAF एयरबेस के पुनर्निर्माण के उनके प्रयास से प्रेरित है। फिल्म की रिलीज के मौके पर अजय देवगन ने फिल्म की खूबसूरत कहानी और सशस्त्र बलों का समर्थन करने वाली 300 महिलाओं की मदद और सशस्त्र बलों के बलिदान के पर बात की। उन्होंने कहा- केवल उनके सामूहिक प्रयास के कारण हम जीत गए, वरना हम कच्छ को पूरी तरह से खो देते।
वर्दी और उसके गौरव के बारे में बताते हुए अजय ने कहा- वर्दी की अपनी गरिमा होती है। जैसे ही आप इसे पहनते हैं आपकी मेंटलिटी बदल जाती है, आपके विचार चेंज हो जाते हैं, आपकी बॉडी लैंग्वेज बदल जाती है, गर्व और गरिमा का भावना आपके अंदर आ जाता है। फिल्म के विजुअल एक्सपीरियंस पर बात करते हुए उन्होंने कहा- यह एक मुश्किल फिल्म थी, आपने हमारे देश में ऐसा कुछ नहीं देखा होगा। यह पहली बार है जब हम एक पैमाने पर पहुंचे हैं। यह एक सामूहिक प्रयास था, हर कोई एक साथ था और हम सभी कड़ी मेहनत कर रहे थे। राजनाथ सिंह के साथ अपनी मीटिंग पर बात करते हुए उन्होंने कहा- मुझे लगा कि यह सही वक्त था। हम चाहते थे कि वे फिल्म देखे कि हम तकनीकी रूप से कहां पहुंच गए हैं।