सार
फिल्म में दर्शकों की आंखे सिर्फ सैफ पर टिकी थी। इसमें उनके काम को काफी सरहना मिली है। किरदार के हिसाब से बेहतरीन मेकअप और एक्टिंग के लिए सैफ की खूब तारिफें हो रही हैं। बाकि फिल्म की कहानी काफी खींची हुई और क्लीयर नहीं लगी।
मुंबई. नवदीप सिंह की 'लाल कप्तान' के ट्रेलर ने बहुत तारिफें बटोरीं थी। फिल्म में सैफ का अलग अंदाज और लुक भी काफी सुर्खियों में था। शुक्रवार को रिलीज हुई फिल्म 'लाल कप्तान' को मीडिया रिपोर्ट्स में 5 में से 2.5 स्टार्स मिल रहे हैं। फिल्म की कहानी 18वीं सदी में मुगल राज के जाने और अंग्रेजों के आने के समय पर आधारित है। हालांकि कहानी वैसे तो प्रीडिक्टीबल थी लेकिन परतों को खुलने में ही काफी वक्त लग जाता है। फिल्म में दर्शकों की आंखे सिर्फ सैफ पर टिकी थी। इसमें उनके काम को काफी सराहना मिली है। किरदार के हिसाब से बेहतरीन मेकअप और एक्टिंग के लिए सैफ की खूब तारिफें हो रही हैं। फिल्म में बड़ी स्टारकास्ट होने के बावजूद भी इसे 5 में से 2.5 स्टार्स ही मिले, तो ऐसे में बता रहे हैं इतने स्टार मिलने के पांच कारण...
फिल्म की लेंथ
'लाल कप्तान' एक पीरियड ड्रामा है जिसकी कहानी 1764 में हुए बक्सर युद्ध पर बेस्ड थी। मूवी देखकर लग रहा है कि एडिटिंग पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया, फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं जिनकी जरूरत नहीं थी। ये एक बदले की कहानी थी जो कम समय में भी पूरी हो सकती थी लेकिन 2 घंटा 35 मिनट तक कहानी को खींचा गया। दर्शकों को फिल्म का लेंदी होना बिल्कुल नहीं भाया।
डायरेक्शन में कमीं
डायरेक्टर नवदीप सिंह ने फिल्म में बेहतरीन शॉट्स लिए हैं। वे फिल्म को नए अंदाज में बनाना चाहते थे और कई मायनों में सफल हुए। लेकिन बड़ी स्टारकास्ट और बड़े बजट की ये फिल्म उलझी हिस्टोरिकल थ्रिलर कहानी को संभाल नहीं पाई और उस पर फिल्म की धीमी चाल और लेंथ ने उसे दर्शकों के लिए उबाऊ बना दिया।
स्टोरी
स्टोरी बहुत घिसीपिटी थी जिसमें नागा साधु गोसाई (सैफ अली खान) युद्ध के सफल न हो पाने की वजह नवाब रहमत खान (मानव वीज) को मानते हैं क्योंकि उसके कारण एक बेगुनाह बाप-बेटे को फांसी हो जाती है। लेकिन कहानी उसी वक्त साफ हो जाती है कि बेटे की जान बच जाएगी और वो बदला लेने के लिए वापस आएगा। इस बेसिक स्टोरी लाइन, बड़ा बजट, बड़ी स्टारकास्ट के साथ फिल्म खुद को पूरी तरह साबित नहीं कर पाई। कहीं-कहीं कहानी उलझी हुई भी नजर आई जिसके कारण वो दर्शकों के दिल में जगह बना पाने में नाकाम रही।
रास आया सैफ का काम
स्क्रीन पर सैफ दर्शकों का ध्यान खींचने में कामयाब हुए। उनका काम वाकई काबिल-ए-तारिफ रहा। उनका मेकअप-गेटअप उनके किरदार के हिसाब से एकदम सही था। एक्टिंग की बात करें तो सैफ ने फिल्म में अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है। फिल्म में दीपक डोबरियाल का काम भी कमाल का था। मानव विज ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया। जोया हुसैन और सिमोन सिंह भी अपने काम से दर्शकों का अटेंशन पाने में सफल हुईं।
स्टाररकास्ट
फिल्म में सैफ अली खान, दीपक डोबरियाल, मानव विज, जोया हुसैन, सिमोन सिंह जैसे बड़े कलाकार अहम भूमिका में थे। मूवी में सोनाक्षी सिंहा और नीरज काबी स्पेशल अपीरियेंसेस में नजर आए। फिल्म को दर्शकों के मिले-जुले रिएक्शन मिल रहे हैं। लेकिन बड़ी स्टारकास्ट और बेहतरीन परफॉमेंस के साथ मूवी अपनी लागत जुटाने में तो कामयाब हो सकती है।