सार
नीतू कपूर ने एक इंटरव्यू में ऋषि कपूर के साथ हुई उनकी आखिरी बातचीत के दिन का खुलासा किया है। उन्होंने यह भी कहा कि रणबीर और उनके लिए ऋषि को उस हाल में देखना किसी त्रासदी से कम नहीं था।
मुंबई. नीतू कपूर (Neetu Kapoor) की मानें तो पति और अभिनेता ऋषि कपूर (Rishi Kapoor) से उनकी आखिरी बार बात उनकी मौत से 17 दिन पहले 13 अप्रैल 2020 को हुई थी। उन्होंने एक हालिया इंटरव्यू में इस बात का खुलासा किया। नीतू ने यह भी कहा कि जब अंतिम दिनों में ऋषि कपूर अपनी उंगली तक उठाने में असमर्थ हो गए थे, तब उन्हें और रणबीर (Ranbir Kapoor) को सबसे असहनीय पीड़ा होती थी।
नीतू ने बताया उनकी जिंदगी में 13 का कनेक्शन?
नीतू ने फिल्म कम्पैनियन से बातचीत में कहा, "31 मार्च को ऋषि की आखिरी फिल्म 'शर्माजी नमकीन' रिलीज हुई। 13 अप्रैल 1979 को हमारी सगाई हुई थी। 13 अप्रैल 2020 को उन्होंने मुझसे आखिरी बार बात की थी। 14 अप्रैल 2022 को रणबीर और आलिया (Alia Bhatt) की शादी हुई। लेकिन पूजा एक दिन पहले यानी 13 अप्रैल को हुई थी। 13 अप्रैल 2020 को ऋषि वेंटिलेटर पर चले गए थे, उसके बाद हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई। उन दो सप्ताह में ऋषि वेंटीलेटर पर रहे और हमारे बीच किसी तरह का कम्युनिकेशन नहीं हुआ।"
ऋषि को उस हाल में देखना त्रासदी से कम नहीं था
नीतू आगे कहती हैं, "हमारे बीच कोई इंटरेक्शन नहीं था। खैर, वे मुझे देखते थे और आईपैड पर अल्फाबेट दिखाकर उनसे इशारे से अपनी बात कहने के लिए कहती थी। लेकिन वे उंगली भी नहीं उठा सकते थे। अस्पताल में सिर्फ रणबीर और मैं ही थे। हम दोनों के लिए ही ऋषि को इस हालत में देखना किसी त्रासदी से कम नहीं था। वह इंसान जो बहुत कुछ कहना चाहता था, लेकिन कुछ भी बयां नहीं कर सका। मैं उस हालत में उन्हें नहीं देख सकती थी।"
ऋषि के बगैर रहने की आदत डालना बहुत मुश्किल
नीतू कपूर ने यह भी कहा कि उन्होंने ऋषि के साथ जीवन के 40-45 साल बिताए हैं। इसलिए उनके बगैर रहने की आदत डालना बहुत मुश्किल है। ऋषि और नीतू ने 22 जनवरी 1980 को शादी की थी। दोनों के दो बच्चे (बेटी रिद्धिमा और बेटा रणबीर) हैं। 30 अप्रैल 2020 को कैंसर से जूझते हुए ऋषि कपूर का निधन हो गया।
ऋषि की पुण्यतिथि पर नीतू ने लिखी थी इमोशनल पोस्ट
ऋषि की दूसरी पुण्यतिथि पर नीतू ने भावुक होते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था, "आज ऋषि जी को गए दो साल हो गए हैं। 45 साल के साथी को खोना बहुत ही मुश्किल और दर्दभरा था। उस समय को अपने दिल को संभालने का एक ही तरीका था कि मैं खुद को मानसिक रूप से व्यस्त रखूं। इसमें फिल्मों और टीवी शोज ने मेरी बहुत मदद की। ऋषि जी हमेशा याद किए जाएंगे और हमेशा सबके दिल में रहेंगे।"
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