सार

बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख (Shahrukh Khan) हाल ही में अपने होमटाउन दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने पिता मीर ताज मोहम्मद खान और मां लतीफ फातिमा खान की कब्र पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शाहरुख की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। बता दें कि शाहरुख जब दिल्ली में रहते हैं तो वो अपने माता-पिता की कब्र पर जाना नहीं भूलते। 

मुंबई/दिल्ली। बॉलीवुड के किंग खान शाहरुख (Shahrukh Khan) हाल ही में अपने होमटाउन दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने पिता मीर ताज मोहम्मद खान और मां लतीफ फातिमा खान की कब्र पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। शाहरुख की कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। बता दें कि शाहरुख जब दिल्ली में रहते हैं तो वो अपने माता-पिता की कब्र पर जाना नहीं भूलते। ये बात खुद शाहरुख खान एक इंटरव्यू में कह चुके हैं। 

View post on Instagram
 

 

शाहरुख ने कहा था- जब भी मैं दिल्ली आने के लिए प्लेन में बैठता हूं तो मेरे दिल में यही बात आती है कि मेरे अम्मी-अब्बू यहां हैं। फिर चाहे मैं यहां आधे घंटे के लिए आऊं या कुछ दिनों के लिए। मैं उनकी कब्र पर जरूर जाता हूं। मुझे लोग अक्सर बोलते हैं कि यार अब तू दिल्ली वाला नहीं रहा, मुंबई वाला हो गया है। लेकिन मैं खुद नहीं बता सकता कि दिल्ली मेरे दिल में बसती है और मैं दिल्ली को नहीं छोड़ सकता। 

शाहरुख खान के पिता मीर ताज मोहम्मद खान पेशे से इंजीनियर थे। 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के दौरान मीर ताज मोहम्मद पेशावर से दिल्ली चले आए थे। शाहरुख उस वक्त 15 साल के थे, जब 1981 में कैंसर के चलते उनके पिता का निधन हो गया था। इसके 10 साल बाद उनकी मां लतीफ फातिमा खान भी इस दुनिया को अलविदा कह गई थीं। 

शाहरुख से 6 साल बड़ी उनकी एक बहन भी है, जिसका नाम शहनाज उर्फ लालारुख खान है। जब शाहरुख के पिता का इंतकाल हुआ तो उस वक्त शहनाज कहीं बाहर गई थीं। जब वो घर लौटीं तो पिता की डेड बॉडी देखकर बेहोश हो गई थीं। इस घटना के बाद उन्हें इतना गहरा सदमा लगा कि वो डिप्रेशन में चली गईं। एक इंटरव्यू में शाहरुख ने बताया था- शहनाज को पापा की मौत का इतना गहरा सदमा लगा कि वो अपना मानसिक संतुलन खो बैठीं और 2 साल तक इससे उबर नहीं पाईं। वो रोती या चिल्लाती नहीं थीं, लेकिन उनके चेहरे पर पापा के खोने का गम साफ झलकता था। डीडीएलजे (दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे) की शूटिंग के दौरान उनकी तबीयत फिर बिगड़ी, जिसके बाद हम उन्हें इलाज के लिए स्विट्जरलैंड ले गए थे।