सार

देश में हैकर्स समय-समय पर इंटरनेट यूजर्स को अपना निशाना बनाते रहे हैं। हाल के दिनों में हैकिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अभी हैकर्स ने यह दावा किया है कि उन्होंने पेमेंट ऐप मोबिक्विक (Mobikwik) के करोड़ों भारतीय यूजर्स का डेटा चुरा लिया है।
 

बिजनेस डेस्क। देश में हैकर्स समय-समय पर इंटरनेट यूजर्स को अपना निशाना बनाते रहे हैं। हाल के दिनों में हैकिंग की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। अभी हैकर्स ने यह दावा किया है कि उन्होंने पेमेंट ऐप मोबिक्विक (Mobikwik) के करोड़ों भारतीय यूजर्स का डेटा चुरा लिया है। जानकारी के मुताबिक, करीब 9.9 करोड़ लोगों का पर्सनल डेटा हैकर्स ने चुरा लिया है। बताया जा रहा है कि यह डेटा डार्क वेब पर बिक्री के लिए उपलब्ध है। हाल के दिनों में साइबर क्राइम (Cyber Crime) की यह बहुत बड़ी घटना मानी जा रही है।

क्या है मोबिक्विक
मोबिक्विक (Mobikwik) काफी पॉपुलर मोबाइल पेमेंट ऐप है। बताया जा रहा है कि इस ऐप के जरिए रोज करीब 10 लाख से ज्यादा का लेन-देन किया जाता है। फिलहाल, इस ऐप से 30 लाख से ज्यादा कारोबारी जुड़े हैं। 12 करोड़ से ज्यादा भारतीय इस ऐप का इस्तेमाल करते हैं। मोबिक्विक में सिकोइया कैपिटल (Sequoia Capita) और बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance) ने अच्छा-खासा निवेश कर रखा है। मोबिक्विक का मुकाबला भारतीय बाजार में वॉट्सऐप पे, गूगल पे, फोन पे और पेटीएम के साथ है।

डेटा के बदले कंपनी से पैसे की डिमांड
जानकारी के मुताबिक, हैकर्स चुराए गए डेटा के बदले कंपनी से पैसा चाहते हैं। साइबर सिक्युरिटी एक्सपर्ट राजशेखर राजहरिया ने डेटा हैकिंग की इस घटना के बारे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI), इंडियन कम्प्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (ICERT) और पेमेंट टेक कंपनियों को लिखित में जानकारी दी है। हैकर्स ग्रुप जॉर्डनेवन (Jordanavan) ने हैक किए गए डेटाबेस का लिंक एक भारतीय समाचार एजेंसी को भी मेल किया है। हैकर्स ग्रुप का कहना है कि वह इस डेटा का इस्तेमाल नहीं करेगा, इसके बदले वह सिर्फ पैसे लेना चाहता है। हैकर्स ग्रुप ने कहा है कि कंपनी से पैसा मिलने के बाद इस डेटाबेस को डिलीट कर दिया जाएगा।

मोबिक्विक ने कहा - नहीं हुई हैकिंग
हैकर्स ग्रुप जॉर्डनेवन (Jordanavan) का कहना है कि उसने हैक किए गए डेटाबेस को मोबिक्विक के फाउंडर और सीईओ से साझा किया है। वहीं, कंपनी ने हैकर्स के इस दावे को पूरी तरह गलत बताया है। हैकर्स के मुताबिक, जो डेटा चुराए गए हैं, उनमें यूजर्स के मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट की डिटेल्स, ई-मेल और क्रेडिट कार्ड नंबर हैं। मोबिक्विक के स्पोक्सपर्सन का कहना है कि कंपनी कस्टमर्स के डेटा सिक्युरिटी को बहुत गंभीरता से लेती है और मान्य डेटा सुरक्षा कानूनों का पूरी तरह पालन करती है। 

हैकर्स ग्रुप ने अपलोड किए दस्तावेज
हैकर्स ग्रुप ने मोबिक्विक क्यूआर कोड की तस्वीरों को साथ केवाईसी (KYC) के लिए इस्तेमाल होने वाले दस्तावेज भी अपलोड कर दिए हैं। मोबिक्विक का कहना है कि डेटा की सुरक्षा के लिए वह संबंधित अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। कंपनी ने कहा है कि वह फोरेंसिक डेटा सेफ्टी ऑडिट भी कराएगी। कंपनी का कहना है कि मोबिक्विक के सभी अकाउंट और उनमें जमा राशि पूरी तरह सुरक्षित है।