सार
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) से अलग होना भारत के हित में है।
नयी दिल्ली, (भाषा) विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को कहा कि क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) से अलग होना भारत के हित में है।
उन्होंने कहा कि भारत के अन्य देशों के साथ कारोबारी संबंधी सरोकारों का आकलन वस्तुनिष्ठ तरीके से किया जाना चाहिए और इसके परिणाम राजनीतिक औचित्य की जगह कारोबारी गणनाओं के मुताबिक उचित होने चाहिए।
ईटी ग्लोबल बिजनेस समिट में जयशंकर ने कहा कि वैश्वीकृत दुनिया में निश्चित ही कोई भी अर्थव्यवस्था अपने आप में सिमटी नहीं रह सकती।
उन्होंने कहा कि ‘भारत के उत्थान’ की प्रक्रिया जारी है।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘विदेशों में संचालित होनेवाले भारतीय कारोबार वैश्विक नियमों के मुताबिक अपनी सरकार से समर्थन की उम्मीद करते हैं। उन्हें यह (समर्थन) मिलना भी चाहिए और उन्हें यह देना हमारा दायित्व है।’’
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)