सार
कोरोना वायरस और लॉकडाउन से पूरे देश परेशान है। इस महामारी से बचने के लिए सरकारें तमाम कोशिशें कर रही हैं, लेकिन हर दिन कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। कोरोना का असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी तेजी से असर डाल रहा है।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस और लॉकडाउन से पूरे देश परेशान है। इस महामारी से बचने के लिए सरकारें तमाम कोशिशें कर रही हैं, लेकिन हर दिन कोरोना पॉजिटिव मामले बढ़ते नजर आ रहे हैं। कोरोना का असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी तेजी से असर डाल रहा है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने भारतीय अर्थव्यवस्था के आकार में 2020 में 3.1 फीसदी की गिरावट आने का सोमवार को अनुमान व्यक्त किया। एजेंसी ने भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के कारण एशिया में भौगोलिक स्थितियों में बदलाव आने की भी आशंका जताई है।
अगले साल भारत करेगा वापसी
इससे पहले मूडीज ने अप्रैल में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2020 में 0.2 प्रतिशत की बढ़त का अनुमान लगाया था। अब एजेंसी ने कोरोना वायरस महामारी के असर को लेकर अपने अनुमान में संशोधन किया है। हालांकि, मूडीज का मानना है कि इसके बाद 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से वापसी करेगी और 6.9 प्रतिशत की दर से वृद्धि दर्ज कर सकती है। मूडीज ने ग्लोबल मैक्रो आउटलुक (2020-21) के अपने जून के अपडेट में कहा कि उसने भारत के लिए 2020 के वृद्धि पूर्वानुमान को संशोधित किया है क्योंकि आंकड़ों से जनवरी-मार्च और अप्रैल-जून तिमाही में कोरोना वायरस महामारी से आई समस्याओं के असर का पता चल रहा है।
सबसे खराब तिमाही की जाएगी दर्ज
मूडिज ने कहा कि 2020 की अप्रैल-जून तिमाही इतिहास में कम से कम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब तिमाही के रूप में दर्ज की जाएगी। इसके साथ ही एजेंसी ने साल की दूसरी छमाही में धीरे-धीरे वापसी की उम्मीद जताई है, लेकिन यह परिणाम इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या सरकारें सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हुए अपनी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से खोल सकती हैं। मूडीज ने अनुमान लगाया है कि चीन इस साल वृद्धि दर्ज करने वाला एकमात्र जी -20 देश होगा। एजेंसी को उम्मीद है कि चीन 2020 में एक फीसदी की दर से और इसके बाद 2021 में 7.1 फीसदी की मजबूत दर से वृद्धि करेगा।