सार
दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहे Zoom वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप के इस्तेमाल को लेकर गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में इस ऐप का इस्तेमाल बंद करने के लिए तो नहीं कहा गया है लेकिन यूजर्स को एहतियात बरतने के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं।
बिजनेस डेस्क: दुनियाभर में लोकप्रिय हो रहे Zoom वीडियो कांफ्रेंसिंग ऐप के इस्तेमाल को लेकर गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में इस ऐप का इस्तेमाल बंद करने के लिए तो नहीं कहा गया है लेकिन यूजर्स को एहतियात बरतने के लिए कुछ निर्देश दिए गए हैं। एडवाइजरी में यह कहा गया है कि Zoom एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म नहीं है। इसके साथ ही गृह मंत्रालय ने इस ऐप की कुछ सेटिंग्स में बदलाव करने के निर्देश दिए हैं। आइए जानते हैं की क्यों इस ऐप को असुरक्षित माना जा रहा है।
क्या है जूम ऐप
जूम ऐप का इस्तेमाल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए किया जाता है। इसके जरिए एक साथ 100 लोगों को कॉन्फ्रेंसिंग में रखा जा सकता है। यही इसकी सबसे बड़ा खासियत है, जिसके चलते बैठकों और स्कूलों में पढ़ाई के लिए इसे इस्तेमाल किया जा रहा था। अब तक इस ऐप को 50 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और अभी भी ये नंबर बढ़ रहा है।
किसने किया लॉन्च
जूम ऐप के मालिक एरिक युआन हैं जो एक चीनी-अमेरिकी हैं। वह कंपनी के सीईओ भी हैं। उन्होंने अमेरिका के कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली में अपनी कंपनी शुरू की है। जूम ऐप की पॉपुलैरिटी किस तरह बढ़ी है इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की पिछले 3 महीनों में एरिक युआन की संपत्ति में 112% बढ़ कर 7.5 बिलियन डॉलर हो गई और वो ब्लूमबर्ग की अरबपतियों की लिस्ट में 192 नंबर पर आ गए हैं।
हालांकि, जूम ऐप को लेकर आ रही शिकायतों पर उन्होंने माफी मांगते हुए कहा है कि आने वाले 90 दिनों में सारे सिक्योरिटी इश्यू हल कर लेंगे।
क्यों जूम ऐप है खतरनाक?
भारत में सरकारी बैठकों के लिए जूम ऐप का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई है। गुरुवार को ही गृह मंत्रालय ने इस पर रोक लगाते हुए एक एडवाइजरी जारी की है।
- इस ऐप को सिर्फ भारत में ही नहीं बैन किया गया है। इससे पहले सिंगापुर में भी इस पर बैन लगाया जा चुका है। वहां ऑनलाइन क्लास के दौरान ही अश्लील तस्वीरें दिखने लगी थीं।
- इस ऐप की मदद से आपके वेबकैम को हैक किया जा सकता है। इस बात को आधार बना कर अमेरिका ने भी इस ऐप के खिलाफ मुकदमा दायर किया हुआ है।
- इतना ही नहीं जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने भी जूम ऐप के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। गूगल, नासा और स्पेस एक्स एजेंसी ने भी इसे बैन किया हुआ है।
- ये ऐप इतना खतरनाक है की ब्रिटेन में इस ऐप के जरिए कैबिनेट की एक मीटिंग हुई थी, जो कुछ ही देर बाद इंटरनेट पर अपलोड हो गई। जिससे इस ऐप की सुरक्षा पर काफी सवाल उठ रहे हैं।
- ब्लीडिंग कंप्यूटर नाम की एक संस्था की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, 5 लाख से ज्यादा Zoom अकाउंट को डार्क वेब में बेचा जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि कई जगहों पर Zoom यूज़र्स का डेटा तो फ्री में ही बेचा जा रहा है।
- रिपोर्ट के मुताबिक Zoom यूज़र्स को इस बात का अंदाजा भी नहीं होता है कि उनका डेटा बेचा जा रहा है। इस डेटा में आपका यूजरनेम, पासवर्ड और कई अन्य जानकारियां शामिल हैं।
हैकिंग से बचने के लिए क्या करें?
- हर मीटिंग के लिए नई यूजर आईडी और पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
- साथ ही वेटिंग रूम फीचर को एनेबल करें और ज्वाइन विकल्प को डिसएबल कर दें, ताकि कोई भी यूजर कॉल में तभी शामिल हो सके, जब कॉन्फ्रेंस करने वाला उसे इजाजत दे।
- स्क्रीन शेयरिंग का विकल्प सिर्फ होस्ट के पास ही रहना चाहिए।
- रिज्वाइन का ऑप्शन बंद रखें।
- फाइल ट्रांसफर के ऑप्शन के इस्तेमाल से बचें।