सार

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत किसी फर्जी वेबसाइट या किसी मैसेज के जरिये पीएम कुसुम योजना के रजिस्टर्ड पोर्टल का दावा करनेवालों से बचने के बारे में कहा गया है। कहा गया है कि कई ऐसे फर्जी वेबसाइटों को बंद किया गया है। आप किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें। 

नई दिल्लीः पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojna) के शुरू होने के बाद से ही कई सारी फर्जी वेबसाइट इस योजना के लिए रजिस्टर्ड पोर्टल होने का दावा कर रही है। इससे कई बार आम लोग फंस जा रहे हैं। लोगों को अच्छा खासा नुकसान हो रहा है। आम लोगों को किसी प्रकार का नुकसान न हो, इसके लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (Ministry of new and Renewable Energy) ने परामर्श जारी किया है। एमएनआरई (MNRE) ने एडवाइजरी में कहा है कि योजना लांच होने के बाद से ही इस तरह के मामले सामने आने लगे थे. ऐसी सूचना प्राप्त होने के साथ ही कई फर्जी पोर्टलों को ब्लॉक कर दिया गया है। शरारती तत्वों पर कार्रवाई भी की गई है। 

जारी की गई थी सार्वजनिक नोटिस
पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर पंप स्थापित करने और कृषि पंपों के सोलराइजेशन के लिए सब्सिडी दी जाती है। लेकिन इसकी फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को फंसाया जा रहा है। ऐसी वेबसाइटें योजना में रुचि लेने वाले लोगों से धन की वसूली कर रही हैं। सूचनाएं एकत्र कर रही हैं। जनसाधारण को होने वाले नुकसान को टालने के लिए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने पहले भी सार्वजनिक नोटिस जारी करके जनसाधारण को सलाह दी थी कि वे किसी तरह की पंजीकरण फीस जमा नहीं करें या ऐसी वेबसाइटों से किसी तरह की व्यक्तिगत सूचना साझा न करें। 

संदिग्ध लिंक पर ना करें क्लिक
इन वेबसाइटों के अलावा व्हाट्सएप और अन्य साधनों के द्वारा संभावित लाभार्थियों को बहकाया जा रहा है। इसलिए मंत्रालय यह परामर्श देता है कि पीएम-कुसुम योजना में रुचि रखने वाले लोग किसी तरह की व्यक्तिगत जानकारी देने या धन जमा करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की जांच करें। मंत्रालय ने यह सुझाव भी दिया है कि व्हाट्सएप/एसएमएस के माध्यम से पीएम-कुसुम योजना के लिए रजिस्टर्ड पोर्टल का दावा करने वाले किसी भी अपुष्ट के संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें। 

क्या है पीएम कुसुम योजना
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा और उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना लागू कर रहा है, जिसके अंतर्गत अपना सोलर पम्प स्थापित करने और कृषि पम्पों के सौरकरण के लिए सब्सिडी दी जाती है। किसान दो मेगावाट तक ग्रिड से जुड़े सौर विद्युत संयंत्र भी स्थापित कर सकते हैं। यह योजना राज्य सरकारों के निर्धारित विभागों द्वारा लागू की जा रही है और ऐसे निर्धारित विभागों का ब्यौरा नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट www.mnre.gov.in. पर उपलब्ध है।