सार
ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बताया है कि इस आंदोलन से अभी करीब 10 हजार ट्रक अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं। इनमें से 6 से 7 हजार ट्रक ऐसे हैं, जिन्हें दिल्ली में सामानों की सप्लाई करनी है।
बिजनेस डेस्क : MSP (Minimum Support Price) को लेकर एक बार फिर दिल्ली की ओर किसान बढ़ निकले हैं। उनका प्रदर्शन जोर पकड़ रहा है। दिल्ली से सटी सीमाएं सील कर दी गई हैं। किसानों की संख्या को देखते हुए दिल्ली-हरियाणा पुलिस पूरी तरह अलर्ट पर हैं। पंजाब से दिल्ली की ओर आ रहे किसानों के चलते सड़कें पूरी तरह ब्लॉक हो गई हैं। इसका असल ट्रांसपोर्टेशन और माल ढुलाई पर पड़ने लगा है। पंजाब और दिल्ली के बीच सैकड़ों ट्रक फंस गए हैं। ऐसे में आइए जानते हैं किसानों के इस प्रदर्शन से हर दिन कितना नुकसान हो सकता है...
हजारों ट्रक फंसे, सप्लाई में देरी
किसानों के आंदोलन के चलते दिल्ली में रूट डायवर्ट कर दिए गए हैं। इससे वाहनों को लंबा सफर तय कर आना पड़ रहा है। जिससे मालभाड़े का खर्च प्रति किलोमीटर के हिसाब से बढ़ जाएगा। जिसका सीधा असर मालभाड़े पर पड़ सकता है। सामानों की सप्लाई में ज्यादा समय लगेगा और इसकी लागत भी बढ़ जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने बताया है कि इस आंदोलन से अभी करीब 10 हजार ट्रक अलग-अलग जगहों पर फंस गए हैं। इनमें से 6 से 7 हजार ट्रक ऐसे हैं, जिन्हें दिल्ली में सामानों की सप्लाई करनी है। ट्रांसपोर्ट कंपनियां सामान की सप्लाई करने के लिए एक फिक्स रेट पर फैक्ट्रियों और उत्पादकों से कांट्रैक्ट करती हैं। ऐसे में सप्लाई अगर समय पर नहीं हुई तो उन्हें पेनाल्टी देनी पड़ सकती है।
किसान आंदोलन से कौन-कौन से सामान की सप्लाई में देरी
पंजाब से आने वाली लकड़ी, हार्डवेयर का सामान, स्पेयर पार्ट, ऑटो पार्ट, कपड़े, खेल का सामान, सूखे मेवे, फल-सब्जियां। शामिल हैं। इस आंदोलन की वजह से इन्हें आने मं समय लगेगा। ट्रकों को भी घूमकर आना पड़ेगा। जिससे ट्रांसपोर्टर अब मालभाड़ा बढ़ा सकते हैं। जिसका असर कीमतों पर पड़ सकता है।
किसानों के प्रदर्शन से कितना नुकसान
दिल्ली से सामानों की सप्लाई पंजाब से लेकर हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर तक की जाती है। किसान आंदोलन के चलते अब इन सामानों की सप्लाई नहीं हो पाएगी। दिल्ली में भी पंजाब के रास्ते काफी सामान आता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, किसान सड़क पर आ गए हैं, ऐसे में करोड़ों का नुकसान हो सकता है। एक अनुमान है कि इस प्रदर्शन से रोजाना करीब 500-600 करोड़ का नुकसान हो सकता है।
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