सार

बता दें कि भारत में पिछले साल क्रिप्टो के रेगुलराइज करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए थे। इसके पहले अस्थिरता से बचने के लिए क्रिप्टो के प्रॉफिट पर टैक्स लागू कर दिया गया था।

ट्रेंडिंग डेस्क. देश में ही नहीं पूरी दुनिया में क्रिप्टो निवेशकों को उम्मीद हैं कि जल्द से जल्द क्रिप्टो को रेगुलराइज किया जाए। इसी बीच G-20 की बैठक में इसे लेकर कई तरह के संकेत मिले हैं। जी-20 देशों की बैठक में IMF यीन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की ओर से कहा गया कि क्रिप्टो को लेकर जल्द से जल्द एक असरदार नीति की जरूरत है।

Crypto को रेगुलराइज करने का दबाव

जी-20 की बैठक में कहा गया कि क्रिप्टो लगातार नए-नए रूप में सामने आता रहेगा, लेकिन इसे लेकर अभी सभी देशों के पास सीमित डाटा है। इसका बिजनेस मॉडल कैसे काम करता है और भविष्य में कैसे काम करेगा, इसे लेकर एक नीति की आवश्यकता है। IMF ने यह भी कहा कि क्रिप्टो करेंसी इकोनॉमिक स्टेबिलिटी के लिए खतरा भी बन सकता है, इसलिए इसे रेगुलराइज करने से ज्यादातर देशों पर दबाब है।

भारत में शुरू हो गई थी तैयारी

बता दें कि भारत में पिछले साल क्रिप्टो के रेगुलराइज करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए थे। इसके पहले अस्थिरता से बचने के लिए क्रिप्टो के प्रॉफिट पर टैक्स लागू कर दिया गया था। लेकिन क्रिप्टो संचालन के अलग-अलग लेवल व पॉलिसी को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने यह माना कि इसे वैश्विक स्तर पर ही रेगुलेट किया जा सकता है।

भारत ने कहा क्रिप्टो के लिए ड्राफ्ट बने

क्योंकि क्रिप्टो अलग-अलग देशों से संचालित किया जाता है और इसे लेकर अलग-अलग नियम हैं, इसलिए भारत ने जी-20 का अध्यक्ष होने के नाते ये कहा कि IMFऔर FSB मिलकर इसके लिए ड्राफ्ट तैयार करे ताकि इससे होने वाले प्रॉफिट व लॉस पर जो टैक्स लगे वो सभी देशों में एक समान हो।

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