सार
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि ब्याज दर को घटाना उनके हाथ में नहीं है, बल्कि ये मौजूदा हालातों पर निर्भर करता है।
Interest Rate Hike: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा कि ब्याज दर को घटाना उनके हाथ में नहीं है, बल्कि ये मौजूदा हालातों और ग्राउंड से मिलने वाले डेटा पर निर्भर करता है। बता दें कि अप्रैल में हुई मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में RBI ने रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी न करते हुए इसे 6.5 प्रतिशत बनाए रखा था। रिजर्व बैंक के गवर्नर के इस बयान से साफ संकेत झलक रहा है कि आने वाले समय में रेपो रेट में इजाफा हो सकता है। अगर रेपो रेट बढ़ा तो बैंक भी लोन की ब्याज दरें बढ़ाएंगे, जिससे एक बार फिर EMI बढ़ सकती है।
मई, 2022 से अब तक 2.5% बढ़ चुका है Repo Rate
बता दें कि मई, 2022 से लेकर अब तक रेपो रेट में 2.5% का इजाफा हो चुका है। पहले रेपो रेट 4% था, जो अब बढ़कर 6.5% है। रेपो रेट बढ़ने की वजह से बैंक सभी तरह के लोन महंगे कर देते हैं, जिससे कर्ज लेने वाले की EMI बढ़ जाती है। बता दें कि रेपो रेट वो दर है, जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे बैंकों को कर्ज देता है। रेपो रेट जितना अधिक होगा, बैंकों को उतना महंगा कर्ज मिलेगा।
महंगाई दर पर भी बोले RBI गवर्नर
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CCI) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास कुछ ऐसे सुझाव आए हैं, जिनमें कहा गया है कि रिजर्व बैंक को आगामी मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में इजाफा नहीं करना चाहिए। इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा- ब्याज दर बढ़ाना मेरे हाथ में नहीं है। यह जमीनी हालातों पर डिपेंड करता है। उस वक्त क्या हालात थे या होंगे, मुझे उसके मुताबिक फैसला लेना होता है। महंगाई कम हुई है या बढ़ी है, उसके आंकड़ों के हिसाब से डिसीजन लेना पड़ता है।
अभी ढील नहीं दी जा सकती
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने महंगाई को लेकर कहा कि रिटेल महंगाई दर में पिछले कुछ समय से लगातार गिरावट आई है। लेकिन अभी इस पर किसी भी तरह की ढील नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि मई में रिटेल महंगाई दर के आंकड़े 4.7 प्रतिशत से नीचे रह सकते हैं। बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (WPI) बेस्ड महंगाई दर अप्रैल में 4.7% थी। मई में इसके और घटने के आसार हैं। इसके साथ ही आरबीआई गवर्नर ने कहा कि देश में बैंकिंग सिस्टम की स्थित काफी मजबूत है। बैंकों की पूंजी, तरलता और एसेट क्वालिटी आदि भी काफी सुधार हो रहा है।
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