सार

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 (DPDP) 7 अगस्त को लोकसभा में पास हो गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने करीब एक महीने पहले यानी 5 जुलाई को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी। आइए जानते हैं क्या हैं इस कानून के फायदे।

Digital Personal Data Protection Bill 2023: डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 (DPDP) 7 अगस्त को लोकसभा में पास हो गया है। इस बिल को 3 अगस्त को केंद्रीय सूचना एवं तकनीकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार (3 अगस्त) को लोकसभा में पेश किया था। बता दें कि केंद्रीय कैबिनेट ने करीब एक महीने पहले यानी 5 जुलाई को डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी दी थी।

क्या होंगे इस कानून के फायदे?

बता दें कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 लागू होने के बाद लोगों को अपने डेटा कलेक्शन, स्टोरेज और प्रोसेसिंग के बारे में डिटेल मांगने का अधिकार मिल जाएगा। यानी अब कोई भी शख्स चाहे तो वो कंपनियों से इस बारे में डिटेल मांग सकता है कि वो उसकी कौन-सी जानकारी या डेटा का इस्तेमाल अपने लिए कर रही है।

50 से लेकर 250 करोड़ तक का जुर्माना

बता दें कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2023 के प्रावधानों को तोड़ने पर न्यूनतम 50 करोड़ रुपए जुर्माना है। वहीं इसके प्रावधानों का उल्लंघन करने पर अधिकतम जुर्माना 250 करोड़ रुपए तक लगाया जा सकता है। हालांकि, पुराने बिल में यह 500 करोड़ रुपए तक था।

क्या होता है डिजिटल पर्सनल डेटा ?

डिजिटल पर्सनल डेटा एक तरह से आपके इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में होने वाली पर्सनल डिटेल्स है। जैसे, आप जब मोबाइल में कोई ऐप इंस्टॉल करते हैं, तो उस दौरान आपसे कई तरह की परमिशन मांगी जाती है। इसमें कॉन्टैक्ट लिस्ट से लेकर फोटो, गैलरी और आपकी जीपीएस लोकेशन तक शामिल होती है। जब आप ये परमिशन देते हैं, तो आपकी पर्सनल डिटेल्स ऐप कंपनी तक पहुंच जाती है और वो इसका इस्तेमाल अपने तरीके से करती है।

कई बार डिजिटल पर्सनल डेटा का होता है मिसयूज

कई बार ऐप कंपनियां आपके डिजिटल पर्सनल डेटा का मिसयूज भी करती हैं। वो इसे अपने सर्वर पर अपलोड करने के बाद इसे कई दूसरी कंपनियों को बेच देती हैं। आपने कभी सोचा है कि जिस कंपनी को आप जानते तक नहीं हैं, कई बार वहां से आपको लोन या दूसरी चीजों के लिए फोन आता है। आखिर उन्हें आपका कॉन्टैक्ट नंबर कैसे मिल जाता है।

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