सार
वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों को 3000 करोड़ रुपए की पूंजी मुहैया कराएगा, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके।
बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों को 3000 करोड़ रुपए की पूंजी मुहैया कराएगा, ताकि उनकी स्थिति में सुधार हो सके। बता दें कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल सार्वजनिक बीमा कंपनियों नेशनल इन्श्योरेंस, ओरिएंटल इन्श्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इन्श्योरेंस को पूंजीगत सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। मंत्रिमंडल ने नेशनल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड की अधिकृत पूंजी बढ़ाकर 7500 करोड़ रुपए करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी थी।
लिया था यह निर्णय
इसके साथ ही यूनाइटेड इंडिया इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड और ओरिएंटल इन्श्योरेंस कंपनी लिमिटेड दोनों की अधिकृत पूंजी भी बढ़ा कर 5000-5000 करोड़ रुपए करने का निर्णय किया गया था। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में छह लाख 28 हजार करोड़ रुपए के सकल अतिरिक्त खर्च के लिए अनुदान मांगों की दूसरी और अंतिम सूची प्रस्तुत की है। इसमें 3000 करोड़ रुपए इन बीमा बीमा कंपनियों को दिए जाने की बात है।
कब मिलेगा पैसा
कंपनियों को यह राशि अनुपूरक अनुदान मांगों को संसद के वर्तमान सत्र में पारित किए जाने के बाद मिलेगी। यह सत्र मध्य अवकाश के बाद 8 मार्च को शुरू होने वाला है। अतिरिक्त पूंजी मिलने से इन तीनों राष्ट्रीयकृत साधारण बीमा कंपनियों की वित्तीय हालत सुधरेगी। उनकी ऋण-शोधन क्षमता मजबूत होगी और वे अर्थव्यवस्था में बीमा की जरूरतों को अच्छे ढंग से पूरा कर सकेंगी।
निजीकरण का प्रस्ताव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इस महीने की शुरुआत में वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए अगले वित्त वर्ष के दौरान दो सार्वजनिक बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया है। यह पहले से तय नीति के तहत किया गया है।