सार
भारत और एशिया के दूसरे सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की अगुवाई वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट देखने को मिली। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक नोटिस में पेट्रोल, डीजल और एविएशन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ा दी है। जिस कारण यह गिरावट दर्ज की गई।
बिजनेस डेस्कः 1 जुलाई को रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी का शेयर नौ फीसदी गिरावट के साथ 2365.00 रुपये पर आ गया। बीएसई (BSE) पर कारोबार के दौरान यह आंकड़डा दर्ज किया गया। बाद में इसमें कुछ सुधार हुआ। इस कंपनी का शेयर शाम साढ़े तीन बजे 7.06% की गिरावट के साथ 2410.95 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। सरकार ने कुछ पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी (export duty on petroleum products) बढ़ाने का फैसला किया है। इस कारण ऑयल रिफाइनिंग और मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखने को मिली। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक नोटिस जारी किया है, जिसमें पेट्रोल, डीजल और एविएशन फ्यूल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया गया है।
रिफाइनिंग कंपनियों की कमाई पर पड़ेगा असर
सरकार ने घरेलू क्रूड प्रॉडक्शन पर प्रति बैरल 23,250 रुपये का सेस (cess) लगा दिया है। एक्सपोर्ट ड्यूटी में बढ़ोतरी और नए टैक्स से कई बड़ी रिफाइनिंग कंपनियों की कमाई पर असर होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, नयारा एनर्जी, एमआरपीएल (MRPL), ओएनजीसी (ONGC), ऑयल इंडिया (Oil India) और वेदांता (Vedanta) पर इस असर पड़ना तय माना जा रहा है। इसी खबर की वजह से रिफाइनिंग और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट आई।
रिलायंस इअंस्ट्री पर पड़ा बड़ा असर
बता दें कि सरकार ने डीजल पर एक्सपोर्ट ड्यूटी में 13 रुपये प्रति लीटर, पेट्रोल में 6 रुपये प्रति लीटर और एटीएफ में एक रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है। जिन कंपनियों का प्रॉडक्शन 20 लाख बैरल से कम है, उन्हें इस ड्यूटी से अलग रखा गया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक डोमेस्टिक क्रूड ऑयल प्रॉडक्शन में से 28 फीसदी का निर्यात किया जाता है। सरकार के इस फैसले का सबसे बड़ा असर रिलायंस इंडस्ट्रीज पर पड़ा क्योंकि वो कंपनी पेट्रोल डीजल और हवाई ईंधन की बड़ी एक्सपोर्टरों में से एक है।
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