सार
देहरादून के सेंट कबीर अकादमी में पढ़ने वाले 11 साल के अद्वैत छेत्री ने हवा से चलने वाली बाइक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित करते हुए इसे स्वच्छ भारत मिशन में अपना छोटा सा योगदान करार दिया है
देहरादून: सिखने की कोई उम्र नही होती इस बात को सच कर दिखाया है 11 वर्षीय अद्वैत क्षेत्री ने अद्वैत ने इतनी कम उम्र में ऐसी बाइक का अविष्कार किया है, जो हवा से चलती है। कक्षा छह में पढ़ रहे अद्वैत ने प्रेस वार्ता में इस बाइक की जानकारी साझा की। उन्होंने अपनी बाइक का नाम अद्वैत-ओटू रखा है। हर्रावाला निवासी अद्वैत के पिता आदेश क्षेत्री ने बताया कि वह अपना यूट्यूब चैनल भी चलाते हैं।
स्वच्छ भारत मिशन को किया समर्पित
देहरादून के सेंट कबीर अकादमी में पढ़ने वाले 11 साल के अद्वैत छेत्री ने हवा से चलने वाली बाइक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित करते हुए इसे स्वच्छ भारत मिशन में अपना छोटा सा योगदान करार दिया है। अद्वैत छेत्री ने हवा से चलने वाली बाइक को लेकर कहा कि देश में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करने में यह बाइक बहुत कारगर सिद्ध होगी जब उससे यह पूछा गया कि इसका आइडिया उसे कहां से मिला तो इसके पीछे की एक कहानी भी उसने बताई।
गुब्बारे से मिला आइडिया
अद्वैत ने बताया कि एक दिन वो अपने भाई के साथ गुब्बारे फुला रहा था तो एक हवा से भरा गुब्बारा गिर कर दौड़ने लगा तो अद्वैत ने सोचा कि जब हवा से गुब्बारा भाग सकता है तो बाइक भी भाग सकती है। बस फिर उसने ये बात अपने पिता को बताई और इस पर काम करना शुरू कर दिया। डेमो सफल होने के बाद उसने हवा से चलने वाली बाइक को बना लिया।
अद्वैत के अनुसार यह बाइक बनाने में उन्हें 13 माह लगे। इस कार्य में पिता का शौक भी उनके काफी काम आया। अद्वैत के पिता आदेश का वैसे तो कंसट्रक्शन का बिजनेस है। लेकिन, उन्हें किशोरावस्था से ही बाइक मॉडीफाई करने का शौक है। अद्वैत का आइडिया सुनकर वह भी उसके साथ जुट गए। तकनीकी कार्यों के साथ उन्होंने बाइक के लिए जरूरी पार्ट एकत्र करने में मदद की।
इसकी तकनीक को लेकर 11 साल के अद्वैत छेत्री ने बताया कि उसने साधारण टायरों में भरी जाने वाली हवा से चलने वाली बाइक का एक फॉर्मूला तैयार किया है और इसका नाम अद्वैत ओ टू रखा है। इस बाइक की खासियत यह है कि इसके दोनों तरफ दो गैस टैंक लगाए गए हैं, जिससे न तो ध्वनि प्रदूषण होगा और न ही वायु प्रदूषण।