सार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआईसीटीई के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल या एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम के लिए बारहवीं कक्षा में इन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प होगा।
करियर डेस्क. हाल में इंजीनियरिंग को लेकर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (AICTE) ने एक बड़ी घोषणा की थी। इस घोषणा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री की अनिवार्यता से छूट देने को कहा गया था। अब इस मामले पर संस्थान ने यूटर्न ले लिया है। काउंसिल का कहना है कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए फिजिक्स, मैथ्स और केमिस्ट्री महत्वपूर्ण विषय हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एआईसीटीई के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा कि बायोटेक्नोलॉजी, टेक्सटाइल या एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम के लिए बारहवीं कक्षा में इन विषयों का अध्ययन नहीं करने का विकल्प होगा।
PCM (Physics, Chemistry, Maths) जरूरी
वहीं मैकेनिकल इंजीनियरिंग जैसे स्ट्रीम के लिए भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित महत्वपूर्ण विषय बने रहेंगे।
AICTE ने शुक्रवार को नोटिफिकेशन जारी करके घोषणा की थी कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए 12वीं में मैथ्स, फिजिक्स और केमिस्ट्री अनिवार्य विषय नहीं होंगे। अब काउंसिल के चेयरपर्सन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा है कि एआईसीटीई ने यह निर्णय विश्वविद्यालयों और इंजीनियरिंग संस्थानों के ऊपर छोड़ दिया है।
शिक्षण संस्थान के हाथ में है अंतिम निर्णय
सहस्रबुद्धे ने कहा, कोई छात्र नए मानदंडों और एआईसीटीई की हैंडबुक में उल्लिखित 14 विषयों- भौतिकी, गणित, रसायन विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना प्रौद्योगिकी, जीव विज्ञान, सूचना विज्ञान अभ्यास, जैव प्रौद्योगिकी, तकनीकी व्यावसायिक विषय, इंजीनियरिंग ग्राफिक्स, व्यावसायिक अध्ययन और उद्यमिता) का अध्ययन करता है तो उसे इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रम में दाखिला दिया जा सकता है। हालांकि, अंतिम निर्णय अभी भी कॉलेज या संस्थान के हाथ में होगा।
नए एपीएच में यह भी कहा गया है कि संस्थान और विश्वविद्यालय छात्रों की मदद करने के लिए ब्रिज कोर्स की पेशकश भी कर सकते हैं।