सार
बिहार बोर्ड का रिजल्ट मंगलवार को जारी होने की संभावना है। हालांकि अभी तक बोर्ड के द्वारा रिजल्ट जारी करने को लेकर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया गया है। बिहार बोर्ड द्वारा रिजल्ट BSEB की आधिकारिक वेबसाइट biharboardonline.bihar.gov.in पर घोषित किए जाएंगे।
करियर डेस्क. बिहार बोर्ड (bihar board) द्वारा 12वीं का रिजल्ट घोषित किए जाने के बाद अब 10वीं के रिजल्ट का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मंगलवार (29 मार्च, 2022) को दसवीं क्लास का रिजल्ट (class 10th Result) घोषित किया जा सकता है। हालांकि बोर्ड के द्वारा अभी रिजल्ट जारी करने को लेकर कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं दिया गया है। बिहार बोर्ड ने जहां कोरोना काल (covid-19) में सबसे पहले बोर्ड के एग्जाम कराने का काम किया वहीं, बिहार बोर्ड की कुछ ऐसी भी घटनाएं घटी जिस कारण देशभर में बोर्ड की बदनामी हुई। रिजल्ट जारी के होने के बाद बिहार में टॉपर घोटाला भी सामने आ चुका है। आइए जानते हैं बिहार के उन तीन टॉपरों की कहानी जिनके कारण बोर्ड का नाम नहीं हुआ बल्कि बोर्ड बदनाम हुआ।
इसे भी पढ़ें- बिहार बोर्ड: 10वीं क्लास के रिजल्ट में क्यों हो रही है देरी, छात्र इन वेबसाइट्स में देख पाएंगे अपने मार्क्स
रूबी राय
2016 में 12वीं क्लास का रिजल्ट आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा इसी छात्र की हुई थी। छात्रा का नाम था रूबी राय। रूबी ने 2016 में आर्ट्स में टॉप किया था। लेकिन इस टॉपर की यह भी नहीं पता उसे 12वीं में कितने सब्जेक्ट लगते हैं। उसके सब्जेक्ट के क्या नाम हैं। रिजल्ट आने के बाद जब रूबी राय इंटरव्यू बोर्ड के सामने पेश हुईं थी तो उन्हें पॉलिटिकल साइंस को पीरियॉडिकल साइंस कहा था। उन्होंने बताया था कि इस विषय में उन्हें खाना बनाना सिखाया जाता है। टॉपर्स घोटला सामने आने के बाद बोर्ड द्वारा रूबी का रिजल्ट रद्द कर दिया गया था। जांच में पता चला था कि रूबी के चाचा प्रिंसिपल हैं और उनके सहयोग से ही ये घोटाला हुआ था।
2017 में भी बदनाम हुआ बोर्ड
2017 में बोर्ड रिजल्ट जारी होने के बाद एक बार फिर से टॉपर्स घोटाला सामने आया। ऑर्ट्स स्ट्रीम से टॉप करने वाले गणेश कुमार ने जिस विषय में सबसे ज्यादा नंबर हासिल किए उसे उस विषय के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी। गणेश को संगीत विषय में 100 में से 83 नंबर मिले थे लेकिन उन्हें संगीत के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी। इसके बाद भी उन्होंने टॉप किया था। बाद में बिहार बोर्ड ने उनके रिजल्ट को रद्द कर दिया था।
इसे भी पढ़ें- कैंडिडेट्स कैसे बनाएं अपना वीडियो रिज्यूम, इन फील्ड की जॉब के लिए होता है जरूरी
2018 में भी हुई गलती
2016 और 2017 की गलती का बोर्ड पर कोई असर नहीं हुआ। 2018 में भी इसी तरह की गलती सामने आई। जिस कारण से देशभर में बोर्ड का बदनामी का सामना करना पड़ा। हालांकि इस बार मामला नंबर को लेकर नहीं बल्कि स्कूल में अटेंडेंस को लेकर था। 2018 में साइंस स्ट्रीम से टॉप करने वाली कल्पना कुमारी की अटेंडेंस 75 फीसदी नहीं थी इसके बाद भी उन्हें परीक्षा में बैठने दिया गया था। हालांकि बाद में कल्पना ने कहा था कि बाहर रहकर तैयारी कर रहीं थी जिस कारण स्कूल में उपस्थित नहीं हो पाईं थी। कल्पना ने 2018 में नीट एग्जाम में भी टॉप किया था।