सार

कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) वीजा प्रोग्राम बंद कर दिया है। भारत समेत 14 देशों के छात्र प्रभावित। कनाडा सरकार का कहना है कि आवास और संसाधनों की कमी के चलते यह फैसला लिया गया है।

Student Visa programme: भारत और कनाडा के बीच बढ़े राजनयिक विवाद के बीच अब कनाडा ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को बड़ा झटका दिया है। कनाडा में पढ़ाई के लिए जाने वाले युवाओं को इंटरनेशनल वीजा देना बंद कर दिया गया है। इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) वीजा प्रोग्राम को बंद कर दिया गया है। कनाडाई सरकार ने कहा कि वह इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए आवास और अन्य संसाधन के लिए जूझ रही है इसलिए उनको वीजा देना बंद कर रही। इस फैसले के बाद भारत सहित दुनिया के 14 देशों के युवाओं को कनाडा में पढ़ने का सपना अब दिवास्वप्न बन जाएगा।

क्या है स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम वीजा प्रोग्राम?

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) वीजा प्रोग्राम के तहत दुनिया के 14 देशों के युवाओं को अध्ययन के लिए वीजा देने के लिए किया गया गया था। इस कार्यक्रम को 2018 में इमिग्रेशन, रिफ्यूजीज एंड सिटिजनशिप कनाडा (आईआरसीसी) ने शुरू किया था। इस प्रोग्राम को ब्राजील, चीन, कोलंबिया, कोस्टा रिका, भारत, मोरक्को, पाकिस्तान, पेरू, फिलीपींस और वियतनाम सहित 14 देशों के अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए अध्ययन परमिट आवेदनों में तेजी लाने के लिए लागू किया गया था।

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स वीजा योजना बंद होने के बाद क्या होगा?

कनाडा सरकार ने स्टूडेंट वीजा प्रोग्राम बंद करने का ऐलान अपनी वेबसाइट पर किया है। सरकार ने कहा कि सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया तक समान और निष्पक्ष पहुंच प्रदान करने के लिए बंद किया जा रहा है। इस योजना के तहत 8 नवंबर को दोपहर 2 बजे ईटी तक प्राप्त आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद के सभी एप्लीकेशन्स पर कार्रवाई के लिए आवेदकों को नियमित अध्ययन परमिट स्ट्रीम के तहत गुजरना होगा। वीजा प्रोग्राम के बंद होने के बाद भारत के अलावा 13 देशों के छात्रों को अब वीजा प्रक्रिया में मुश्किलें आएंगी।

कनाडा ने क्यों ऐसा किया?

कनाडा कई सालों से पहली बार देश में आने वाले माइग्रेंट्स की संख्या में कमी करने की सोच रहा है। कनाडा में हर साल बड़ी संख्या में अप्रवासी रोजगार और शिक्षा के लिए आते हैं। लंबे समय से कनाडा, ऐसे लोगों का स्वागत करता रहा है लेकिन अब आवास संकट और स्वास्थ्य सुविधाओं का हवाला देकर वह प्रवासियों की संख्या में कमी कर रहा। दरअसल, अगले साल यहां आम चुनाव होने हैं। एक सर्वे के अनुसार, कनाडा की बड़ी आबादी यह सोचती है कि उनके देश में बहुत अधिक अप्रवासी हैं। ऐसे में ट्रूडो सरकार का यह फैसला वहां के वोटर्स को लुभाने वाला हो सकता है।

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