सार

IAS Deepak Rawat UPSC Success Tips: आईएएस दीपक रावत ने UPSC मेन्स परीक्षा में उत्तर लिखने के खास तरीके बताए। जानिए कैसे RIG फॉर्मूला अपनाकर परीक्षा में सफलता पाई जा सकती है और दीपक रावत के संघर्ष की कहानी से प्रेरणा लें।

IAS Deepak Rawat UPSC Success Tips: हर साल लाखों युवा यूपीएससी की परीक्षा में अपनी किस्मत आजमाते हैं। कुछ अपने सपनों को पूरा करने में सफल होते हैं, तो कुछ असफलताओं के बावजूद प्रयास जारी रखते हैं। हर सफल उम्मीदवार की अपनी अनूठी कहानी होती है, जो न सिर्फ प्रेरणा देती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि मेहनत और दृढ़ संकल्प से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसी ही कहानी है उत्तराखंड के तेज-तर्रार आईएएस अधिकारी दीपक रावत की, जिन्होंने संघर्ष और लगन से अपने सपनों को साकार किया। दीपक न सिर्फ एक फेमस IAS अधिकारी हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय हैं। उनके YouTube चैनल पर 4.34 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं और फेसबुक और ट्विटर पर भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है। अक्सर वह अपने सोशल मीडिया पेज के माध्यम से UPSC एस्पिरेंट्स के लिए टिप्स भी शेयर करते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने UPSC मेन्स एस्पिरेंट्स के लिए परीक्षा में सवालों के जवाब लिखने के तरीके पर टिप्स दिये।

आईएएस अधिकारी दीपक रावत ने बताया UPSC मेन्स एग्जाम में आंसर लिखने का सही तरीका

आईएएस अधिकारी दीपक रावत ने अपने एक वीडियो में बताया है कि UPSC मेन्स एग्जाम में सही तरीके से आंसर कैसे लिखें। उन्होंने बताया कि UPSC मेन्स एस्पिरेंट्स आंसर लिखने के दौरान RIG का ध्यान रखें।

  • R यानि रिपीटेशन (Repetition)- आंसर लिखते समय एक बार जो बात लिख दी उसे दोबरा न लिखें। दोहराने से बचें।
  • I यानि इर्रेलेवेंट (Irrelevant)- आंसर लिखते समय जो पूछा गया है वही लिखें इर्रेलेवेंट बातें लिखने से बचें।
  • G यानि जेनरलाइजेंशन (Generalization)- आंसर जेनरल या ऑडिनरी लिखने से बचें। आपका आंसर इतना भी जनरल न हो कि उसमें कुछ भी खास ना हो। आपका आंसर फैक्ट्स से भरपूर हो इस बात का ध्यान रखें। फैक्ट्स ऑथेंटिक हों इस बात का भी ध्यान रखें।

देखें वीडियो-

कौन हैं आईएएस अधिकारी दीपक रावत?

दीपक रावत का बचपन सामान्य था, लेकिन उनके सपने बड़े थे। उनका जन्म 24 सितंबर 1977 को मसूरी के बरलोगंज में हुआ। प्रारंभिक पढ़ाई मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज से पूरी की। इसके बाद हंसराज कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक किया और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से एमफिल की डिग्री हासिल की। साल 2005 में दीपक का चयन जेआरएफ के लिए हुआ, जिससे उन्हें हर महीने 8000 रुपये मिलते थे। इसी दौरान उनकी मुलाकात बिहार के कुछ छात्रों से हुई, जो यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। इन छात्रों ने उन्हें सिविल सेवाओं की ओर आकर्षित किया और उन्होंने इस क्षेत्र में कदम रखने का निर्णय लिया।

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ऑल इंडिया 12वीं रैंक हासिल कर बने IAS ऑफिसर

दीपक रावत ने यूपीएससी की तैयारी शुरू की, लेकिन शुरुआती दो प्रयासों में असफल रहे। हालांकि, उन्होंने हार मानने के बजाय अपनी गलतियों से सीख ली। तीसरे प्रयास में उन्होंने परीक्षा पास की और आईआरएस अधिकारी बने। लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था। अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्होंने फिर से परीक्षा दी और 2007 में ऑल इंडिया 12वीं रैंक के साथ आईएएस अधिकारी बन गए। वर्तमान में वह उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं। अबतक कई बड़ी जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।

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